गुर्जर व कालबेलिया जाति के लोक नृत्य | gurjar or kalbeliya jati ke lok nritya PDF की इस महत्वपूर्ण पोस्ट में गुर्जर और कालबेलिया जाती के प्रमुख लोक नृत्यों का विस्तार से वर्णन किया गया है| यह पोस्ट REET, CTET, UPTET, RAS, SI, PATWAR, RPSC 1st GRADE, 2nd GRADE आदि भर्ती परीक्षाओ के लिए अति महत्वपूर्ण है|
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gurjar or kalbeliya jati ke lok nritya PDF
गुर्जर और कालबेलिया जाती के प्रमुख लोक नृत्यों का वर्णन निचे विस्तार से दिया जा रहा है|
चरी नृत्य gurjar or kalbeliya jati ke lok nritya PDF
![chari nritya](https://i0.wp.com/www.rjstudyblog.com/wp-content/uploads/2022/02/chari-nritya.jpg?resize=840%2C473&ssl=1)
- नृत्य गुर्जर जाति का प्रसिद्ध नृत्य है।
- चरी नृत्य में स्त्रिया सिर पर कलश व उसमें काकडे (कपास) के बीज में तेल डालकर आग लगाती है। इस कलश से आग की लपटें निकलने लगती है। स्त्रिया लपट निकलते कलश को सिर पर रखकर हाथ की कलाइयों को घूमा-घूमा कर नृत्य करती है।
- इस नृत्य मे ढोलक, ढोल, बाँकिया आदि वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है।
- चरी नृत्य मुख्य रूप से किशनगद (अजमेर) का है।
- यह नृत्य गणगौर, जन्म, विवाह आदि अवसरों पर किया जाता है।
- चरी नृत्य अब व्यावसायिक रूप ग्रहण कर चुका है।
- किशनगढ़ की फलकूबाई चरी नृत्य की लोकप्रिय कलाकार है।
- वर्तमान में श्रीमोहन सिंह गौड़ व कुमारी सुनीता रावत इसके प्रमुख कलाकार है।
- चरी नृत्य अतिथि सत्कार के लिए भी किया जाता है।
झूमर नृत्य
![jhumar nritya](https://i0.wp.com/www.rjstudyblog.com/wp-content/uploads/2022/02/jhumar-nritya.jpg?resize=840%2C473&ssl=1)
- गुर्जर और अहीर जाति में यह नृत्य आज भी जीवित है।
- झूमर नृत्य पुरूषों का वीर रस प्रधान नृत्य है।
- 9 यह नृत्य धार्मिक मेलों आदि के अवसरों पर किया जाता है।
कालबेलियों के नृत्य
इंडोणी नृत्य
![edoni nritya](https://i0.wp.com/www.rjstudyblog.com/wp-content/uploads/2022/02/idoni-nritya.jpg?resize=840%2C473&ssl=1)
- यह नृत्य स्त्री-पुरूष दोनों मिलकर करते है।
- यह नृत्य गोलाकार पथ पर पुंगी, खंजरी वाद्य यंत्र के साथ किया जाता है।
- इंडोणी घड़े व सिर के बीच रखी जाने वाली एक गोलाकार वस्तु होती है।
- इस नृत्य में औरतों की पोशाकें बड़ी कलात्मक होती है तथा इनके बदन पर मणियों की सजावट रहती है।
पणिहारी नृत्य:
![panihari nritya](https://i0.wp.com/www.rjstudyblog.com/wp-content/uploads/2022/02/panihari-nritya.jpg?resize=840%2C473&ssl=1)
- नृत्य पणिहारी गीत पर आधारित एक युगल नृत्य है।
- पणिहारी नृत्य के प्रमुख वाद्य ढोलक, बाँसुरी हैं।
शंकरिया नृत्य:
![shankriya nritya](https://i0.wp.com/www.rjstudyblog.com/wp-content/uploads/2022/02/shankriya-nritya-.jpg?resize=840%2C473&ssl=1)
- यह प्रेम कथा पर आधारित स्त्री-पुरूषों का नृत्य है।
- इस नृत्य में अंग संचालन बहुत सुन्दर होता है।
बागड़िया नृत्य
- कालबेलिया महिलाओं द्वारा यह नृत्य भीख माँगते समय किया जाता है।
- बागड़िया नृत्य में मुख्य वाद्य यंत्र चंग होता है।
- गुलाबो कालबेलिया नृत्य की अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार है।
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