हिन्दी के प्रमुख नाटककार एवं उनकी नाट्य कृतियां | Hindi Ke Natak Or Natakkar की इस महत्वपूर्ण पोस्ट में हिंदी के समस्त नाटक और नाट्यकारो का वर्णन किया गया है|
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Hindi Ke Natak Or Natakkar
नाटककार का नाम | नाट्य की कृतियों के नाम |
भारतेन्दु हरिशचन्द्र | मौलिक नाटक – 1. भरत जननी, 2. वैदिकी हिंसा न भवति. 3.सत्य हरिश्चन्द्र, 4. श्री चन्द्रावली नाटिका, 5.विषस्य विषमौषधम् 6. भारत दुर्दशा. 7. नीला देवी, 8. अन्धेर नगरी, 9.सती प्रताप, 10. प्रेम जोगिनी। अनूदित नाटक – 1. विद्या सुन्दर, 2. रत्नावली, 3. धनंजय विजय, 4. कर्पूर मंजरी, 5. पाखण्ड विडम्बन, 6. मुद्राराक्षस, 7.दुर्लभ बन्धु। |
लाला श्रीनिवासदास | 1. श्री प्रहलाद चरित्र, 2. तप्ता संवरण, 3. रणधीर प्रेम मोहिनी, 4. सयोगिता स्वयंवर। |
राधाकृष्णदास | 1. महाराणा प्रताप, 2. महारानी पद्मावती, 3. धर्मालाप, 4. दुःखिनी बाला। |
बालकृष्ण भट्ट | 1. दयमन्ती स्वयंवर, 2. वृहन्नला, 3. वेणी संहार, 4. कलिराज की सभा, 5. शिक्षादान, 6. रेल का विकट खेल, 7. बाल विवाह। |
राधाचरण गोस्वामी | 1. तन मन धन गोसाई जी के अर्पण, 2. बूढ़े मुंह मुंहासे लोग देखें तमासे, 3. अमरसिंह राठौर, 4. सती चन्द्रावली, 5. श्रीदामा। |
गोपालराम गहमरी | 1. देश दशा, 2. जैसे को तैसा। |
जी.पी. श्रीवास्तव | 1. उलट फेर, 2. दुमदार आदमी, 3. गड़बड़झाला. 4. कुर्सी मैन, 5. न घर का न घाट का। |
पाण्डेय बेचन शर्मा ‘ उग्र’ | 1.चार बेचारे, 2. उजबक। |
जयशंकर प्रसाद | 1. विशाख, 2. अजातशत्रु. 3. राज्यश्री, 4. स्कन्दगुप्त, 5. चन्द्रगुप्त, 6. ध्रुवस्वामिनी, 7.जनमेय का नाग – यज्ञ। |
हरिकृष्ण ‘ प्रेमी’ | 1. रक्षाबन्धन, 2. शिवा साधना, 3. प्रतिशोध, 4. स्वप्नभंग, 5. आहुति, 6. विषपान, 7. उद्धार, 8. शपथ, 9. विजय स्तम्भ, 10. कीर्ति स्तम्भ, 11. संरक्षक, 12. विदा, 13. आन का मान, 14. सम्वत् प्रवर्तन, 15. अमृत पुत्री, 16. छाया बन्धन। |
लक्ष्मीनारायण मिश्र | 1. संन्यासी, 2. राक्षस का मन्दिर, 3. मुक्ति का रहस्य, 4. राजयोग, 5. सिन्दूर की होली, 6. आधी रात, 7. गरुड़ध्वज, 8. वत्सराज, 9. दशाश्वमेध, 10. वितस्ता की लहरें। |
सेठ गोविन्ददास | 1. प्रकाश, 2. स्वातन्त्र्य सिद्धान्त, 3. सेवापथ, 4. सन्तोष कहा, 5.त्याग और ग्रहण, 6. बड़ा पापी कौन, 7.सुख किसमें, 8. महत्व किसे, 9. गरीबी या अमीरी। |
गोविन्दबल्लम पन्त | 1. अंगूर की बेटी, 2. सिन्दूर की बिन्दी, 3. राजमुकुट, 4. अन्त पुर का छिद्र, 5. सुहागबिन्दी, 6. ययाति। |
उपेन्द्रनाथ ‘ अश्क’ | 1. स्वर्ग झलक, 2. छठा बेटा, 3. अलग-अलग रास्ते, 4. अंजो दीदी, 5. अन्धी गली, 6. कैद, 7. उड़ान, 8. जय पराजय। |
उदयशकर भट्ट | 1. दाहर, 2. शक विजय, 3. मुक्तिपथ, 4. क्रांतिकारी, 5. नया समाज, 6. पार्वती। |
वृन्दावनलाल वर्मा | 1. फूलों की बोली, 2. पूर्व की ओर, 3. बीरबल, 4. ललित-विक्रम, 5. राखी की लाज, 6. सगुन, 7. नालकण्ठ, 8. केवल, 9.निस्तार, 10. देखा-देखी |
विष्णु प्रभाकर | 1. समाधि, 2. डॉक्टर, 3. युगे युगे क्रान्ति, 4. टूटते परिवेश |
जगदीश चन्द्र माथुर | 1.कोणार्क, 2. शारदीया, 3. पहला राजा, 4. दशरथनन्दन।। |
मोहन राकेश | 1. आषाढ़ का दिन. 2. लहरों के राजहंस, 3. आधे-अधूरे |
लक्ष्मीनारायण लाल | 1. अन्धा कुआं 2. दर्पण, 3. मादा कैक्टस, 4. सूर्यमूख, 5. मिस्टर। अभिमन्यु. 6. कयूं. 7. अब्दुल्ला दीवाना, 8. व्यक्तिगत, 9. एक सत्य हरिशचन्द्र 10. सगुन पछी, 11. सबरंग मोह भंग |
धर्मवीर भारती | अन्धा युग (गीति नाट्य) |
सुरेन्द्र वर्मा | 1. सेतुबन्ध, 2. द्रौपदी, 3. नायक, 4. विदूषक, 5. आठवा सर्ग। |
जगन्नाथ प्रसाद मिलिन्द | समर्पण, गौतम नन्द। |
चन्द्रगुप्त विद्यालंकार | न्याय की रात। |
विनोद मेहता | आजादी के बाद, नया हाथ |
नरेश मेहता | सुबह के घण्टे, खण्डित यात्राएं। |
मन्नू भण्डारी | बिना दीवारों का घर। |
शिवप्रसाद सिंह | घाटियां गूंजती हैं। |
ज्ञानदेव अग्निहोत्री | नेफा की एक शाम, शुतुरमुर्ग। |
गिरिराज किशोर | नरमेध, प्रजा ही रहने दो। |
सर्वेश्वरदयाज सक्सेना | बकरी, अब गरीबी हटाओ। |
डॉ. शंकर शेष | बिन बाती के दीप, बंधन अपने-अपने, एक और द्रोणाचार्य। |
रमेश वक्षी | देवयानी का कहना है, तीसरा हाथी। |
मणि मधुकर | रस गंधर्व, बुलबुल सराय। |
मुद्राराक्षस | तिलचट्टा, तेदुआ, मरजीवा, योर्स फेथफुली, |
गोविन्द चातक | अपने-अपने खूटे। |
स्वदेश दीपक | कोर्ट मार्शल। |
भीष्म साहनी | कबिरा खड़ा बाजार में। |
लक्ष्मीकांत वर्मा | रोशनी एक नदी है, अपना-अपना जूता। |
अमृतराय | शताब्दी, हमलोग। |