Hindi Ke Parmukh Upnyaskar Or Unki Kritiya हिन्दी के प्रमुख उपन्यासकार एवं उनकी कृतियां की इस पोस्ट में हिंदी के प्रमुख upnyaskar और उनकी काव्यकृतियो का समावेश किया गया है|
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Hindi Ke Parmukh Upnyaskar Or Unki Kritiya
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उपन्यासकार | कृतिया |
श्रीनिवासदास | परीक्षा गुरु (1882 ई) -हिन्दी का प्रथम उपन्यास |
श्रद्धाराम फुल्लौरी | भाग्यवती (1877 ई) |
बालकृष्ण | भट्ट रहस्य कथा (1879 ई), नूतन ब्रह्मचारी (1886 ई), एक अजान सौ सुजान (1892 ई) |
ठाकुर जगमोहन सिंह | श्यामा स्वप्न (1888 ई.) |
लज्जाराम मेहता | धूर्त रसिकलाल (1899 ई.), स्वतन्त्र रमा और परतन्त्र लक्ष्मी (1899 ई), बिगड़े का सुधार (1907 ई.), आदर्श हिन्दू (1907 ई) |
राधाकृष्णदास | निस्सहाय हिन्दू (1890 ई.) |
बाबू देवकीनन्दन खत्री | चन्द्रकान्ता (1891 ई), चन्द्रकान्ता संतति, काजर की कोठरी, भूतनाथ, कुसुम कुमारी, नरेन्द्र मोहिनी, वीरेन्द्र वीर। |
गोपालराम गहमरी | सरकटी लाश (1900 ई.), जासूस की भूल (1901 ई), जासूस पर जासूसी (1904 ई). गुप्त भेद (1913 ई), जासूस की ऐयारी(1914 ई) |
किशोरीलाल गोस्वामी | जिन्दे की लाश, तिलस्मी शीशमहल, लालावती, याकूती तख्ती, प्रणयिनी परिणय, मस्तानी, सुखशर्वरी, प्रेममयी, लवंगलता, कुसुम कुमारी |
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘ हरिऔध’ | ठेठ हिन्दी का ठाठ (1899 ई), अधलिखा फूल (1907 ई.) |
लज्जाराम शर्मा | आदर्श दम्पति, आदर्श हिन्दू, बिगड़े का सुधार |
राधिकारमण प्रसाद सिंह | प्रेम लहरी |
प्रेमचन्द | सेवासदन (1918 ई). प्रेमाश्रम (1922 ई), रंगभूमि (1925 ई), कायाकल्प (1926 ई.). निर्मला (1927 ई), गबन (1931 ई), कर्मभूमि (1933 ई), गोदान (1935 ई), मंगलसूत्र (अपूर्ण) |
विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘ कौशिक’ | मा, भिखारिणी। |
जयशंकर प्रसाद | कंकाल (1929 ई), तितली (1934 ई.), इरावती (अपूर्ण) |
पाण्डेय बेचन शर्मा ‘ उग्र’ | चन्द हसीनों के खतूत (1927 ई), दिल्ली का दलाल (1927 ई). बुधुआ की बेटी (1928 ई), शराबी (1930ई), सरकार तुम्हारी आंखों में (1936 ई), जीजाजी (1944 ई), फागुन के दिन (1955 ई) |
ऋषभचरण जैन | दिल्ली का व्यभिचार, दुराचार के अड्डे, वेश्यापुत्र, चम्पाकली, मास्टर साहब, मयखाना, चांदनी रात |
आचार्य चतुरसेन शास्त्री | वैशाली की नगर वधू, वयं रक्षामः, सोमनाथ, आलमगीर, सोना और खून, रक्त की प्यास, आत्मदाह, अमर अभिलाषा, मन्दिर की नर्तकी, नरमेध, अपराजिता |
प्रतापनारायण श्रीवास्तव | विदा (1929 ई.), विजय (1937 ई.), विकास, विसर्जन, बेकसी का मजार |
वृन्दावनलाल वर्मा | गढ कुण्डार (1929), माधव जी सिन्धिया(१९५७ ), विराटा की पद्मिनी(१९३६), संगम (1928 ई), लगन(१९२९), झांसी रानी (१९४६ ई), प्रत्यागत (१९२९ ई.), मृगनयनी 1950 ई), कुण्डलीचक्र (1932ई), टूटे कांटे (1954 ई) | |
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘ निराला | ‘ अप्सरा (1931 ई), अलका (1931 ई). निरुपमा (1936 ई), प्रभावती, कुल्ली भाट, काले कारनामे |
जैनेन्द्र | परख (1929 ई), सुनीता (1935 ई), त्यागपत्र (1937 ई), कल्याणी (1939 ई). सुखदा (1952 ई) विवर्त (1953 ई), व्यतीत (1953 ई) |
इलाचन्द्र जोशी | संन्यासी (1941 ई), परदे की रानी (1941 ई), प्रेत और छाया (1945 ई), निर्वासित (1946 ई.). जिप्सी (1952 ई.). जहाज का पंछी (1955 ई.), ऋतु चक्र |
सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘ अज्ञेय’ | शेखर एक जीवनी (1941 ई), नदी के द्वीप (1951 ई.). अपने-अपने अजनबी |
यशपाल | पार्टी कामरेड, दादा कामरेड, देशद्रोही, मनुष्य के रूप, अमिता, दिव्या, झूठा-सच, तेरी मेरी उसकी बात |
भगवतीचरण वर्मा | चित्रलेखा, भूले विसरे चित्र, टेढे -मेढे रास्ते , सामर्थ्य और सीमा, सबहिं नचावत राम गोसाई |
अमृतलाल नागर | बूंद और समुद्र, सुहाग के नूपुर, सेठ बांकेमल, अमृत और विष, मानस का हंस, खंजन नयन, महाकाल, शतरंज के मोहरे |
रांगेय राघव | कब तक पुकारू, आखिरी आवाज, मुर्दो का टीला, बन्दूक और बीन, चीवर, छोटी सी बात, राह-न रुकी, राई और पर्वत, अन्धेरे के जुगुनू, घरौंदे , विषाद मठ, हुजूर काका, प्रोफेसर, डॉक्टर |
हजारी प्रसाद द्विवेदी | बाणभट्ट की आत्मकथा, चारु चन्द्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा (अथ रैक्व आख्यान) |
फणीश्वरनाथ ‘ रेणु’ | मैला आंचल. (1954 ई), परती परिकथा, जुलूस, दीर्घतपा, कितने चौराहे, कलंकमुक्ति |
नागार्जुन | वरुण के बेटे, रतिनाथ की चाची. दुखमोचन, बाबा बटेसरनाथ, बलचनमा |
राही मासूम रजा | आधा गांव, टोपी शुक्ला, ओस की बूंद, सीन -75, हिम्मत जौनपुरी, दिल एक सादा कागज |
शिवप्रसाद सिंह | अलग-अलग वैतरणी, गली आगे मुड़ती है, दिल्ली दूर है, औरत, कुहरे में युद्ध, वैश्वानर, नीला चांद |
विवेकी राय | बबूल |
हिमांशु श्रीवास्तव | रथ के पहिए |
श्रीलाल शुक्ल | राग दरबारी, आदमी का जहर, अज्ञातवास, |
रामदरश मिश्र | पानी के प्राचीर, जल टूटता हुआ, सूखता हुआ तालाब, बीस बरस, दूसरा घर, आदिम राम, आकाश की छत |
राजेन्द्र यादव | उखड़े हुए लोग, सारा आकाश, शह और मात. कुलटा, मुखर चिन्तन, |
मन्नू भण्डारी | महाभोज, आपका बन्टी, एक इंच मुस्कान (राजेन्द्र यादव के साथ) |
नरेश मेहता | यह पथ बन्धु था, डूबते मस्तूल |
मोहन राकेश | अन्धेरे बन्द कमरे, न आने वाला कल, अन्तराल |
धर्मवीर भारती | गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा |
निर्मल वर्मा | वे दिन, लाल टीन की छत, एक चिथड़ा सुख |
उषा प्रियंवदा | रुकोगी नहीं राधिका, पचपन खम्भे लाल दीवारें, अन्तर्वशी |
भीष्म साहनी | तमस, बसन्ती, कुन्ती, भाग्यरेखा, कड़ियां, झरोखे, मय्यादास की माड़ी |
मनोहरश्याम जोशी | कुरु कुरु स्वाहा, क्याप, लखनऊ मेरा लखनऊ |
गिरधर गोपाल | चांदनी के खण्डहर, कन्दील और कुहासे |
भैरव प्रसाद गुप्त | सती मैया का चौरा, मशाल, गंगा मैया |
नरेन्द्र कोहली | दीक्षा, संघर्ष, युद्ध, अवसर, आतंक, साथ सहा गया दुःख, महासमर -1,2,3,4,5,6,7,8 |
उदयशंकर भट्ट | सागर लहरें और मनुष्य |
राजेन्द्र अवस्थी | जंगल के फूल, जाने कितनी आंखें |
मजुल भगत | लेडी क्लब, अनारो |
राजकमल चौधरी | मछली मरी हुई, ताश के पत्तों का शहर, नदी बहती थी |
गिरिराज किशोर | यात्राएं, जुगलबन्दी, चिड़ियाघर, प्रस्तावित, असलाह |
मणि मधुकर | सफेद मेमने |
मृणाल पाण्डे | पण्ढरपुर पुराण |
विवेकीराय | सोनामाटी |
रवीन्द्र कालिया | खुदा सही सलामत है |
हरिशंकर परसाई | रानी नागमती की कहानी, तट की खोज |
कृष्णा अग्निहोत्री | टपरेवाले |
शानी | काला जल |
कृष्ण बल्देव | वैद नर-नारी |
प्रभारक माचवे | तीस चालीस पचास, दर्द के पैबन्द, किसलिए, धूत, अनदेखी, कहां से कहां। |
नासिरा शर्मा | सात नदियां एक समन्दर, शाल्मली, ठीकरे की मंगनी, जिन्दा मुहावरे, तुम डाल-डाल हम पात-पात, अक्षय घट |
महीप सिंह | अभी शेष है |
आबिद | सुरती मेरे पापा की शादी |
विनोद कुमार शुक्ल | दीवार में एक खिड़की रहती थी |
वीरेन्द्र जैन | पार, सबसे बड़ा सिपहिया, डूब, शब्द वध |
विश्वम्भरनाथ उपाध्याय | विश्वबाहु परशुराम |
नागार्जुन | बलचनमा, रतिनाथ की चाची, वरुण के बेटे, कुम्भीपाक, गरीबदास, जमानिया का बाबा, मर्यादा पुरुषोत्तम, अभिनन्दन |
राजकृष्ण मिश्र | काउंसिल हाउस, दारुल शफा, मन्त्रिमण्डल, कुतो मनुष्य |
महेन्द्रनाथ दुबे | मुक्ति |
ज्ञानप्रकाश विवेक | गली नम्बर तेरह |
शशिप्रभा | शास्त्री कर्क रेखा |
मेहरुन्निसा | परवेज समरांगण, अकेला पलाश, कोरजा |
ममता कालिया | बेघर, दौड़ |
राज बुद्धिराजा | कन्यादान, कावेरी, रेत का टीला, हर साल की तरह |
शीतांशु भारद्वाज | फिर वही बेखुदी, डॉ. आनन्द, एक और अनेक |
बल्लम डोमाल | तिब्बत की बेटी |
महावीर खाल्टा | एक और लड़ाई लड़ |
तरसेम | जलता हुआ गुलाब |
भगवान सिंह | गुजराल शुभ्रा, परमगति, अपने-अपने राम |
सच्चिदानन्द धूमकेतु | माटी की महक |
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना | सोया हुआ जल, पागल कुत्तों का मसीहा, सूने चौखटे |
प्रभाकर माचवे | परन्तु, क्षमा, साचा |
देवराज | पथ की खोज, अजय की डायरी, मैं, वे और आप, रोड़े और पत्थर, बाहर भीतर |
अमृतराय | बीज, नागफनी का देश, हाथी के दांत, सुख-दुःख |
कमलेश्वर | सुबह दोपहर शाम, काली आंधी, तीसरा आदमी, अगामी अतीत, समुद्र में खोया हुआ आदमी |
यादवेन्द्र शर्मा | पथहीन, दिया जला, दिया बुझा, गुनाहों की देवी, मैं रानी सुप्यार दे, मरु केसरी |
शैलेश मटियानी | बोरीवली से बोरी बन्दर |
बदी उज्जमा | एक चूहे के मौत |
कृष्णा सोबती | सूरजमुखी अन्धेरे के, यारों का यार, मित्रो मरजानी, डाल से बिछुड़ी, जिन्दगीनामा, ए लड़की |
काशीनाथ सिंह | अपना मोर्चा |
रमेश वक्षी | वैसाखियों वाली इमारत |
गोविन्द मिश्र | हुजूर दरबार, पांच आंगनों वाला घर, लाल पीली जमीन, वह अपना चेहरा, उतरती हुई धूप, तुम्हारी रोशनी में धीरे समीरे |
मृदुला गर्ग | चित कोबरा, उसके हिस्से की धूप, वंशज, अनित्य |
विष्णु प्रभाकर | अर्द्धनारीश्वर, तट के बन्धन, निशिकान्त |
गजानन माधव ‘ मुक्तिबोध ‘ | विपात्र |
सुरेन्द्र वर्मा | मुझे चांद चाहिए, अंधेरों के परे |