REET परीक्षा 2021 के हिंदी विषय के पाठ्यक्रम में इस बार नया टॉपिक राजस्थानी शब्दों के हिंदी रूप (Rajasthani shabdo ke hindi roop) को जोड़ा गया है | इस पोस्ट में राजस्थानी शब्दों के साथ उनके हिंदी अर्थ को विस्तार से समझाया गया है |
इसके साथ आप इनकी पीडीऍफ़ भी डाउनलोड कर सकते हो | जिसका लिंक निचे दिया गया है |
और इस पोस्ट में राजस्थान बोर्ड की कक्षा 6, 7 और 8 में आये हुए राजस्थानी शब्दों को इस पोस्ट में शामिल किया गया है
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राजस्थानी शब्द व उनके हिंदी अर्थ महत्वपूर्ण पीडीऍफ़ डाउनलोड | REET 2021
राजस्थानी शब्द व उनके हिंदी रूप
- दिसा जाना – पायखाना/ बाथरूम जाना।
- रमणा – खेलना
- ठिकाणा – पता
- किना उडाणा – पतंग उड़ाना
- ख्वासजी – नाई
- अगुण – पूर्व
- आथूणा – पश्चिमी
- कांजर – बंजारा
- झरोखो – खिड़की
- बाजोट – लकडी कीबडी चौकी
- माढणो – लिखना
- कुलियो – मिट्टी का छोटा वर्तन
- मुदो -तिलक (विवाह में वर के )
- मेल – विवाहिक प्रीतिभोज
- सुतली – जवाई
- पूंगा/ मुशल – बेवकूफ
- ठुंगा – लिफाफा
- खूंटी – वस्तु लटकाने का स्थान
- कांसन – बर्तन
- ओबरो – अनाज रखने का स्थान
- खाट / मांचो – बडी चारपाई
- खटुलो – छोटी चारपाई
- कुरियो घुचटियो – कुत्ते का बच्चा
- मुहमाखी /मदमाखी – मधुमक्खी
- भिल्लड – घोड़ा मक्खी
- लूकटी – लोमड़ी
- गदड़ों – सियार
- खुसडा – जुत्ते चप्पल
- बरिंडा – बरामदा
- आंगी – स्त्री की चोली
- कांचली – स्त्री की कुर्ती
- झालरों – गले में पहनने की माला
- गंजी / बड़ी – बनियान
- भंवर – बड़ा लड़का
- भवरी – बड़ी लड़की
- डांगरा – पशु
- ढोर – भेड़-बकरी
- लालजी – देवर
- लाडो – बेटी
- लाडलो – प्रिय
राजस्थानी शब्द व उनके हिंदी रूप PDF
- लाडी – सोतन
- गीगलो – बच्चा
- गेलड – दुसरे विवाह में स्त्री के साथ जाने वाला बच्चा
- घनडो / घनेडी – भानजा-मानजी
- भुडोजी – फूफाजी
- धणी -लुगाई – पति-पत्नी
- भरतार – पति
- कलेवो – नाश्ता
- बेसवार – मसाला
- जिनावर – जीव-जन्तु
- सीरख – रजाई
- पथरना – विछोना
- हरजस /हरजा – भजन
- पतड़ों – पंचाग
- मिति – तिथि
- बाखल – लान
- तीपड – मकान की तीसरी मंजिल
- शाल – सामने का बड़ा कमरा
- तखडीयों/ ताकड़ी – तराजू
- पसेरी / धडी – 5 kg
- सेर – 1 kg
- धुण – 20 Kg
- वाकल वाणी – पीने के नल का पानी
- पालर पाणी – पीने का बारिश का पानी
- बेडियों – मसाला वाक्स
- घडूची – पानी का मटका रखने की वस्तु
- ओरा – कोने का कमरा
- परिडा – पानी रखने की जगह
- खेली – पशुओं के पानी पीने का स्थान
- कोटडी – बौक्स रूम
- मालिया – मकान का दूसरी मंजिल पर छत पर रूम
- गुम्हारिया – तलघर
- कब्जो – ब्लाउज
- मूण – मिट्टी का बड़ा घडा
- ठाटो – कागज गलाकर बनाया गया अनाज रखने का पात्र
- गुणीया – चाय / दूध / पानी रखने का छोटा बर्तन
- तडकाऊ – भोर
- चौमासो – बारिश का मौसम
- झबलो / झूबलो – नवजात बच्चे का वस्त्र
- माडि – कलब – वस्त्रो में दी जाने वाली
rajasthani shabdon ke hindi roop Notes
- आंक – अक्षर
- झुतरा – बाल
- मोडो – साधू
- पुरियो – जानवरों के भोजन का स्थान
- चूंण – आटा
- राखुन्ड़ो – बर्तन साफ करने का स्थान
- सांकली – सरकंडा
- होद – डिग्गी
- उस्तरा – रेजर
- नीरो – पशु का चारा
- टोलडो – ऊँट का बच्चा
- अडवा – खेत में बिजुका
- अजमों – पुत्र जन्म पर गाया जाने वाला गीत
- चावर ,पाटा, पटेला – खेतों में जुताई के बाद भूमि को समतल करना
- थरपनो – स्थापित करना
- सूड – खेत जोतने से पहले खेत साफ करना
- धावाडिया – काफिले को लुटने वाला
- चांक – खलियान में अन्न राशी के ऊपर चिन्ह लगाना
- बजेडा – पान का खेत
- पाकट – बूढ़ा ऊँट
- अलसोट – फसल के साथ उगने वाली घास
- ब्यालू – सूर्यास्त के पूर्व का भोजन
- अकीको – मुस्लिम बच्चों के मुण्डन व नामाकरण
- अचरियो -बचरियो – सूर्य पूजा के दिन प्रसूता हेतु बनाया गया विभिन सब्जियों का मिश्रण
- अक्कड-बक्कड, कांजीदड़ो, दडीमार कोयड़ो – राजस्थान के देशी खेल
- अजन्मो – पुत्र जन्म पर गाया जाने वाला लोकगीत
- आगड , रावो , बेवनी – चूल्हे के आगे का भाग
- कसार – धी मे सीके आटे में चीनी मिलाकर बनाया गया खाद्य पदार्थ
- केलड़ो, पौणी, केरुड़ी – मिट्टी का तवा
- गीडोलो – केंचुआ , वर्षा ऋतु में पेदा होने वाला जीव
- चकडोल – गाजे बाजे के साथ शव ले जाने कि क्रिया
- छछयों – जीरे की फसल का रोग
- टांड – सामान रखने के लिए पत्थर की सिला दिवार पर लगाना
- छणेरी – उपले रखने का स्थान
- धोवण – मृतक की राख को पानी में डालकर रिश्तेदारों को दिया जाने वाला भोज
- परखी – बोरे से गेहूँ का नमूना निकालने का पात्र
- पाणत – फसल सिंचाई की प्रक्रिया
- मारोठ – विवाह के अवसर पर दुल्हे-दुल्हन के मुख पर चित्रकारी
- कलाल या मदजीवन – शराब का कारोबारी
- लावणी – फसल पकने के बाद काटने की प्रक्रिया
राजस्थानी शब्द व उनके हिंदी रूप Downlode
- लावणों – मांगलिक कार्य पर बांटी जाने वाली मिठाई
- बोहरगत – व्याज पर रूपया उधार देने का धन्धा
- सीरावन – कृषको का सुषह का भोज
- हथलेवों की रस्म – एक लोकगीत/ पाणिग्रहण संस्कार / विवाह में वधू का हाथ वर के हाथ में देने
- स्यापल, करणी, गुणीया – भवन निर्माण करने वाले कारीगर के ओजार
- सानटो / आंटा सांटा – एक वैवाहिक प्रथा
- सिकली – धारधार हथियारों को धार देना
- हेड़ाऊ – घोड़ों का व्यापारी
- सेवंज – वह जमीन जिसमें बिना सिंचाई वर्षा से फसल होती है |
- सोभाऊ -वह स्त्री या कन्या जिसे विवाहित कन्या के साथ प्रथम बार ससुराल जाते समय साथ भेजा जाता है।
- सोम – पितृ पक्ष वालों का पुत्री के ससुराल में पैसे देकर भोजन करना
- बादरवाल – गेट पर नीम के पत्ते बांधना
- साकी – शराब / हुका पिलाने वाला व्यक्ति
- अलूणा (मक्खन) – गिलडी ( मक्खन रखने का पाप्त)
- तंग मोरखा, गोरबंध, पिलाणत्र – ऊँट का सजावट का समान
- ऊदेइ – दीमक
- चड्स – कुएं से पानी निकालने का चमड़े का बना पात्र
कक्षा – 6 हिंदी पुस्तक के राजस्थानी शब्द
rajasthani shabdon ke hindi roop
- धरती – भूमि
- सुरंगा – स्वर्ग
- सरमावे – लज्जित होना
- रमणा – धूमना फिरना
- जस – यश
- इमरत – अमृत
- बाजरियों – बाजरा
- दोंयु -दोनों
- मधरा – मीठा
- बायरियों – हवा
- पपोले – सहलाना
- मटुआ – मदमस्त
- अनूता – अत्यधिक
- ईरा – इसका
- धीनो – धुधारु पशु
- आंगणा – घर के आगे का भाग
- आभे – आकाश
- सिवाणे – सीमावर्ती
- पटराणी – महारानी
- मोबी – ज्येष्ठ
- उणियारा – चेहरा
- जामण-जाया – सगे बेटे
- हंकारे – पुकारना
- हेत – हित, प्रेम
- लिलाड – मस्तक
- पद – मर्यादा
- मायड – माथा
- खाथा – उत्तावला
- नारा – बैल
कक्षा- 7 हिंदी पुस्तक के राजस्थानी शब्द
rajasthani shabdon ke hindi roop
- इला – भूमि
- हेली – सखी
- बलिहारी – न्यौछावर
- डोढ़ी – ड्योडी , मुख्य वार
- खेटक – ढाल
- रुक – तलवार
- पाहणा – मेहमान
- मेडी – अटारी / उपरी भाग का
- कलायण – काली घटा
- तठ्या – प्रसन्न होने से
- रुडी-रुता – सुखा मौसम या ऋतू
- लूंवा – गर्म हवाएं
- रती – थोड़ा सा
- ओषद – दवा
- पाटा – पट्टी
- घट – हदय
- खोटा – बुरा
- संयाला – सियार
- औगण – अवगुण
- माँय – में
- भोत – बहुत
कक्षा- 8 हिंदी पुस्तक के राजस्थानी वाक्य
- हुक्म – आदेश
- दसगत – हस्ताक्षर
- औला – पक्तियां
- वैला – समय
- मुंडो – चेहरा
- टाबर – बालक
- जूण – जिन्दगी
- मायने – अन्दर
- ऊभो – खडा
- लेर – साथ
- सरणाटों – सन्नाटा
- बलबता – धधकना
- जमारा – जीवन
FAQ :
Q.1 : टोलडो किसे कहते है?
उत्तर : ऊँट का बच्चे को टोलडो कहा जाता है |
Q.2 : मालिया किसे कहते है?
उत्तर : मकान का दूसरी मंजिल पर छत पर रूम, मालिया कहलाता है |
Q.3 : सोभाऊ किसे कहते है?
उत्तर : वह स्त्री या कन्या जिसे विवाहित कन्या के साथ प्रथम बार ससुराल जाते समय साथ भेजा जाता है।
Q.4 : सेवंज किसे कहते है?
उत्तर : वह जमीन जिसमें बिना सिंचाई वर्षा से फसल होती है |
Q.5 : मारोठ किसे कहते है?
उत्तर : विवाह के अवसर पर दुल्हे-दुल्हन के मुख पर चित्रकारी