वाक्य रचना ,वाक्य के अंग कितने होते है ?, वाक्य विचार की परिभाषा क्या है? ,vakya or uske bhed in hindi हिंदी grammar का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह पोस्ट REET के विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है |
Contents
हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण टॉपिक वाक्य-विचार, वाक्य रचना, वाक्य के अंग |
वाक्य-विचार
परिभाषा:-
जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर पूर्ण अर्थ का बोध कराए अर्थात शब्दों का शार्थक समूह वाक्य कहलाता है |
जैसे:- किसान खेत जोतता है |
मोहन पुस्तक पढ़ता है |
वाक्य के अनिवार्य घटक – 2 होते है |
1. कर्ता
2. क्रिया
वाक्य के अंग – 2 होते है |
1. उद्देश्य
2. विधेय
उद्देश्य:-
वाक्य का वह अंग जिसके बारे में कुछ कहा जाता है, अर्थात कर्ता और कर्ता का विस्तारक उद्देश्य कहलाता है |
विधेय:-
वाक्य में उद्देश्य के बारे में / कर्ता और कर्ता के विस्तारक के बारे में जो कुछ भी कहा जाता है| अर्थात कर्म, कर्म का विस्तारक, क्रिया, क्रिया का विस्तारक, पूरक और पूरक का विस्तारक विधेय कहलाता है |
जैसे:-
कृष्ण बांसुरी बजाता है |
( उद्देश्य ) ( विधेय )
( उद्देश्य ) ( विधेय )
उदाहरण :-
- पिताजी ने कहा की सभी का सम्मान करो |
- राकेश की माँ ने कहा कि घर के बाहर नही निकलना है|
- निहारिका सुंदर लड़की है |
- मर्यादा पुरुषोतम राम ने रावण का वध किया |
- विमला की बहन कमला बहुत सुंदर गीत गाती है |
वाक्य के प्रकार :- वाक्य 2 प्रकार के होते है |
1. प्रयोग /रचना के आधार पर
2. अर्थ के आधार पर
1. प्रयोग /रचना के आधार पर वाक्य के प्रकार – 3 प्रकार होते है |
1. सरल वाक्य
2. संयुक्त वाक्य
3. मिश्र वाक्य
सरल वाक्य
परिभाषा:-
जब किसी वाक्य में एक विधेय ,एक उद्देश्य हो , और पूरा वाक्य एक साथ बोल दिया जाए, कोई किसी पर आश्रित न हो, वह सरल वाक्य कहलाता है |
जैसे :-
मोहन पुस्तक पढ़ता है |
( उद्देश्य ) ( विधेय )
( उद्देश्य ) ( विधेय )
- रजनी पत्र लिखती है |
- हम मेहरानगढ़ दुर्ग देखने गये |
- माता -पिता और बच्चे चलचित्र देख रहे है |
- रेखा व मोहन खेल रहे है |
- मोहन सुंदर और हंसमुख है |
संयुक्त वाक्य
परिभाषा :-
जब किसी वाक्य में दो स्वंत्रत वाक्य हो और किसी संयोजक से जुड़े हो, तथा किसी पर आश्रित ना हो |
जैसे :-
- कृष्ण बांसुरी बजाता है और राधा नाचती है |
- रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया |
- रोगी ने दवा पी और उसे उल्टी हो गई |
- वह गरीब है परन्तु बेईमान नही |
- घर जाओ या यही बैठे रहो परन्तु शोर मत करो |
- पिताजी स्टेशन पहुंचे और गाड़ी छुट गई |
- मैने राकेश को पढने को कहा लेकिन वह नही पढ़ा |
मिश्र वाक्य:-
परिभाषा :- जब किसी वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हो तो वह मिश्र या मिश्रित वाक्य कहलाता है |
जैसे :-
जो मनुष्य धनवान होते है उन्हें सभी चाहते है |
( प्रधान उपवाक्य ) ( आश्रित उपवाक्य )
- वह गाड़ी कहाँ है जो आप कल लाये थे |
- गांधीजी ने कहा कि सदा सत्य बोलो और हिंसा मत करो |
- यदि मोदी जी के आदेश की पालना करोगे तो कोरोना से बच जाओगे |
- मैने वैसे ही किया जैसे तुमने बताया |
- मेरे जीवन का उद्देश्य है की लोंगो की सेवा करू |
- सभी विद्यार्थी जानते है की अध्यापक हमेशा उनके हित की बात करते है |
वाक्य रूपांतरण
सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य में रूपांतरण |
- मोहन पुस्तक पढ़ और लिख रहा है |- सरल वाक्य
- मोहन पुस्तक पढ़ रहा है और वह लिख रहा है |
सरल वाक्य से मिश्र वाक्य में रूपांतरण |
- संतोषी मनुष्य हमेशा सुखी रहता है | – सरल वाक्य
- जो मनुष्य संतोषी होता है , वह सदा सुखी रहता है | – मिश्र वाक्य
- कांच निचे गिर कर चूर-चूर हो गया | – सरल वाक्य
- जैसे ही कांच निचे गिरा वैसे ही वह चूर -चूर हो गया |- मिश्र वाक्य
संयुक्त से मिश्र वाक्य में रूपांतरण |
- आज रविवार है इसलिए बैंक बंद है |- संयुक्त वाक्य
- बैंक इसलिए बंद है क्योकि आज रविवार है |- मिश्र वाक्य
- शिक्षक दीपक की तरह होता है और वह खुद जलकर दुसरो को प्रकाशमान करता है |- संयुक्त वाक्य
- शिक्षक उस दीपक की तरह होता है जो खुद जलकर दूसरों को प्रकाशमान कर्ता है |- मिश्र वाक्य
अर्थ के आधार पर :- वाक्य 8 प्रकार के होते है |
- विधानार्थक वाक्य
- निषेध वाचक वाक्य
- इच्छार्थक/ इच्छावाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- आज्ञार्थक वाक्य
- संदेहार्थक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
- विस्मयबोधक वाक्य
1. विधानार्थक वाक्य
परिभाषा :- जिस वाक्य में किसी कार्य के करने या होने का वर्णन किया जाता है, अर्थात किसी व्यक्ति या स्थिति के बारे में कही गई सामान्य बात विधानार्थक वाक्य कहलाती है |
जैसे :-
- राकेश पढ़ता है |
- सोनिया खेलती है |
- चन्द्रमा चमकता है |
- तारे टिमटिमाते बादल गरजते है |
2. निषेधवाचक वाक्य :-
परिभाषा :- इन वाक्यों में निषेध / नकारात्मक का भाव होता है |
जैसे :-
- घर से बाहर मत निकलो |
- मुझे वंहा नही जाना |
- राकेश घर नही गया |
- कुछ लोग सावधानी नही बरतते |
3. प्रश्नवाचक वाक्य :-
परिभाषा :- जिन वाक्यों में किसी प्रश्न के करने या होने का बोध हो, वे वाक्य प्रश्न वाचक वाक्य कहलाते है |
जैसे :-
- आप कंहा रहते है ?
- राधा जमुना के किनारे कब नाचेगी ?
- वह क्या करता है ?
4. आज्ञा वाचक / विधिवाचक वाक्य :-
परिभाषा :- जिस वाक्य में किसी आज्ञा /आदेश /उपदेश या अनुमति का बोध होता है , वे आज्ञा वाचक वाक्य कहलाते है |
जैसे :-
- यहा से जाइये |
- आप चुप रहिये |
- बाहर मत निकलो |
- तुम भगवान का भजन करो, जिससे सभी बढायें दूर होगी |
5. इच्छार्थक /इच्छावाचक वाक्य
परिभाषा :- जिस वाक्य में इच्छा /आशा /कामना /शुभकामना /आशीर्वाद के अर्थ का बोध होता है, इच्छार्थक वाक्य कहलाते है|
जैसे :-
- भगवान तुम्हे दीर्घायु दे |
- आपकी यात्रा मंगलमय हो |
- भगवान तुम्हारी सभी मनोकामनाए पूरी करे |
- मै अध्यापक बनना चाहता हु |
- आज तो कंही से पकोड़े मिल जाए |
6. संदेहार्थक वाक्य
परिभाषा :- जिस वाक्य में संदेह के अर्थ का बोध हो, संदेहार्थक वाक्य कहलाता है |
जैसे :-
- आज बरसात होने की संभावना है |
- मै संभवत: कल नही आऊ |
- राकेश घर आ रहा होगा |
- ऐसा लगता है जैसे कोई हमारी बाते सुन रहा है |
7. संकेतार्थक वाक्य
परिभाषा :- जिस वाक्य में एक कार्य दुसरे कार्य पर निर्भर हो अर्थात एक क्रिया दूसरी क्रिया पर आश्रित हो, संकेतार्थक वाक्य कहलाता है |
जैसे :-
- जब बादल हटेंगे, तब धुप निकलेगी |
- जैसा बोओगे वैसा काटोगे |
- जब तुम आओगे , तब हम जाएँगे |
- जैसी करनी वैसी भरनी |
8. विस्म्यादी बोधक वाक्य
परिभाषा:- जिस वाक्य में हर्ष , शोक ,घृणा ,विस्मय , इत्यादि के अर्थ का बोध हो, विस्म्यादी बोधक वाक्य कहलाता है |
जैसे :-
- वाह ! मजा आ गया |
- हे भगवान ! बहुत बुरा हुआ |
- छि: – छि: ऐसी चीजे मत खाया करो |
- शाबाश ! मुझे तुमसे यही उम्मीद थी |
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