Right to health bill rajsthan : राजस्थान चिकित्सा का अधिकार देने वाला बना देश का पहला राज्य

राजस्थान चिकित्सा का अधिकार देने वाला बना देश का पहला राज्य ( Right to health bill rajsthan ) : राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने आम जनता को स्वास्थ का अधिकार दिया है

Right to health bill rajsthan
Right to health bill rajsthan

इस बिल के पास होने से राज्य की गरीब जनता अब पैसे की तंगी के चलते अपना इलाज करवाने से वंचित नही रह पायेगी| राज्य के प्रत्येक नागरिक को अब इस बिल के तहत मुफ्त चिकित्सा का लाभ मिल सकेगा |

Contents

right to health bill rajsthan 2023

Right to health bill के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

  • 21 मार्च 2023 को पारित हुआ राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक, 2022
  • दुर्घटना की स्थिति में जीवन रक्षा के लिए बिना फीस और चार्जेज का पूर्व भुगतान किए और पुलिस की रिपोर्ट के बिना इलाज शुरू किया जायेगा और उसका भुगतान सरकार करेगी
  • दुर्घटना में निःशुल्क परिवहन, चिरंजीवी योजना के तहत निःशुल्क इलाज एवं दुर्घटना बीमा का लाभ भी दिया जाएगा
  • बिल में चिकित्सकों, चिकित्सा कार्मिकों एवं चिकित्सा संस्थानों को भी सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है एवं उनके वित्तीय हितों को भी सुरक्षित किया गया है
  • समय पर भुगतान के लिये Auto Approval का प्रावधान किया जा रहा है
  • आमजन के दायित्व एवं कर्तव्यों को भी प्रावधान में सम्मिलित किया गया है
  • शिकायत निवारण प्राधिकरणों में भी चिकित्सकों का समुचित प्रतिनिधित्व रखा गया है
  • राजस्थान चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा और संपत्ति के नुकसान का निवारण) अधिनियम, 2008 तथा SOP’s 29 मई, 2022 के द्वारा भी चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान की गई है

Right to health bill में क्या है खास

कोई हस्पताल इलाज के लिए मना नही कर सकता

देश का ऐसा राजस्थान पहला राज्य है जिसने राज्य की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार दिया है, Right to health bill rajsthan इस बिल के पास होने से अब राजस्थान का कोई भी प्राइवेट होस्पिटल अब किसी भी मरीज को पैसों की तंगी के चलते इलाज के लिए मना नही कर सकते है, अब कोई भी गरीब आदमी पैसों के आभाव में इलाज से वंचित नही रह पायेगा | Right to health bill का उल्लघन करने या इलाज के लिए मना करने पर 10 से 25 हजार रूपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है, पहली बार उल्लघन करने पर जुरमाना 10 हजार रूपये और इसके बाद 25 हजार तक जुरमाना होगा|

पत्येक व्यक्ति को इलाज की गारंटी

Right to health bill राजस्थान में पास होने के बाद अब राज्य के प्रत्येक नागरिक को मुफ्त में किसी भी होस्पिटल में इलाज करवाने का अधिकार मिल गया है | Right to health bill राज्य में प्रत्येक नागरिक को मुफ्त में किसी भी प्राइवेट होस्पिटल में इलाज करवाने की गारंटी देता है |

इमरजेंसी में भी प्राइवेट होस्पिटल में भी फ्री इलाज

राजस्थान ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है जिसने अपने राज्य के नागरिको को स्वास्थ्य का अधिकार दिया है, इस बिल के पास होने पर अब अगर किसी भी प्राइवेट होस्पिटल में कोई भी इमरजेंसी मरीज आता है तो होस्पिटल वाले इलाज के लिए मना नही कर सकते है, उस मरीज का मुफ्त में इलाज करना पड़ेगा, अगर होस्पिटल इलाज नही कर्ता है या पैसों की मांग कर्ता है तो उस होस्पिटल के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है|

बिल भुगतान न होने पर डेड बोडी नही रोक सकते अस्पताल

राजस्थान में Right to health bill पास होने के बाद राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार मिल गया है, अगर किसी भी प्राइवेट होस्पिटल में इलाज के दोरान किसी मरीज की मृत्यु हो जाती है और बिल का भुगतान नही हुआ है तो भी होस्पिटल उस मरीज की डेड बोडी देने से मना नही कर सकता है, ऐसा करने पर क़ानूनी कार्यवाही का प्रावधान है|

आम लोगो को देनी होगी फ्री में सेवाए

Right to health bill के राजस्थान में पास होने के बाद अब राजस्थान के सभी अस्पतालों को राज्य की जनता को फ्री में सेवाए देनी होगी| इस बिल के तहत राज्य की जनता को मुफ्त में इलाज का अधिकार मिल गया है|

जानिए बिल में ऐसे क्या प्रावधान हैं जिन पर विवाद हुआ

1. राइट टू हेल्थ बिल में आपातकाल में यानी इमरजेंसी के दौरान निजी अस्पतालों को निशुल्क इलाज करने के लिए बाध्य किया गया है। मरीज के पास पैसे नहीं हैं तो भी उसे इलाज के लिए इनकार नहीं किया जा सकता। निजी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी की परिभाषा और इसके दायरे को तय नहीं किया गया है। हर मरीज अपनी बीमारी को इमरजेंसी बताकर निशुल्क इलाज लेगा तो अस्पताल वाले अपने खर्चे कैसे चलाएंगे।

Right to health bill rajsthan
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2. राइट टू हेल्थ बिल में राज्य और जिला स्तर पर प्राइवेट अस्पतालों के महंगे इलाज और मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्राधिकरण का गठन प्रस्तावित है। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि प्राधिकरण में विषय विशेषज्ञों को शामिल करना चाहिए ताकि वे अस्पताल की परिस्थितियों को समझते हुए तकनीकी इलाज की प्रक्रिया को समझ सके। अगर विषय विशेषज्ञ नहीं होंगे तो प्राधिकरण में पदस्थ सदस्य निजी अस्पतालों को ब्लैकमेल करेंगे। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा।

3. राइट टू हेल्थ बिल में यह भी प्रावधान है कि अगर मरीज गंभीर बीमारी से ग्रसित है और उसे इलाज के लिए किसी अन्य अस्पताल में रैफर करना है तो एम्बुलेंस की व्यवस्था करना अनिवार्य है। इस नियम पर निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि एंबुलेंस का खर्चा कौन वहन करेगा। अगर सरकार भुगतान करेगी तो इसके लिए क्या प्रावधान है, यह स्पष्ट किया जाए।

क्या है राइट टू हेल्थ बिल? जिसका डॉ. कर रहे है विरोध

4. राइट टू हेल्थ बिल में निजी अस्पतालों को भी सरकारी योजना के अनुसार सभी बीमारियों का इलाज निशुल्क करना है। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अपनी वाहवाही लूटने के लिए सरकारी योजनाओं को निजी अस्पतालों पर थोप रही है। सरकार अपनी योजना को सरकारी अस्पतालों के जरिए लागू कर सकती है। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों को बाध्य क्यों किया जा रहा है। योजनाओं के पैकेज अस्पताल में इलाज और सुविधाओं के खर्च के मुताबिक नहीं है। ऐसे में इलाज का खर्च कैसे निकालेंगे। इससे या तो अस्पताल बंद हो जाएंगे या फिर ट्रीटमेंट की क्वालिटी पर असर पड़ेगा।

5. दुर्घटनाओं में घायल मरीज, ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक से ग्रसित मरीजों का इलाज हर निजी अस्पताल में संभव नहीं है। ये मामले भी इमरजेंसी इलाज की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में निजी अस्पताल इन मरीजों का इलाज कैसे कर सकेंगे। इसके लिए सरकार को अलग से स्पष्ट नियम बनाने चाहिए।

6. दुर्घटना में घायल मरीज को अस्पताल पहुंचाए जाने वालों को 5 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। दूसरी तरफ अस्पताल वालों को पूरा इलाज निशुल्क करना होगा। ऐसा कैसे संभव होगा।

7. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल खोलने से पहले 48 तरह की एनओसी लेनी पड़ती है। इसके साथ ही हर साल रिन्यूअल फीस, स्टाफ की तनख्वाह और अस्पताल के रखरखाव पर लाखों रुपए का खर्च होता है। अगर सभी मरीजों का पूरा इलाज मुफ्त में करना होगा तो अस्पताल अपना खर्चा कैसे निकालेगा। ऐसे में अगर राइट टू हेल्थ बिल को जबरन लागू किया तो को निजी अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे।

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FAQ
प्रश्न 1. RTH क्या है?

उत्तर : RTH राजस्थान सरकार द्वारा जारी किया गया Right to health bill h

प्रश्न 2. राजस्थान में right to health bill कब पारित हुआ?

उत्तर : 21 मार्च 2023 को पारित हुआ

प्रश्न 3. Right to health bill पारित करने वाला पहला राज्य कोनसा है

उत्तर :राजस्थान

प्रश्न 4. Right to health bill में मुख्य क्या है?

उत्तर : इस बिल में राजस्थान की जनता के लिए इमरजेंसी में किसी भी प्राइवेट होस्पिटल में फ्री में इलाज की सुविधा दी गई है|

प्रश्न 5. RTH में आम जनता को क्या सुविधा दी गई है?

उत्तर : RTH में आम जनता को दुर्घटना में निःशुल्क परिवहन, चिरंजीवी योजना के तहत निःशुल्क इलाज एवं दुर्घटना बीमा का लाभ भी दिया जाएगा|

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