Ling ki pribhasha or bhed | लिंग : परिभाषा एंव उनके भेद व लिंग परिवर्तन के नियम

लिंग : परिभाषा एंव उनके भेद व लिंग परिवर्तन के नियम ( Ling ki pribhasha or bhed ) : लिंग क्या है? ( Ling ki pribhasha or bhed ) लिंग के बारे में तो आप सभी जानते ही है परन्तु इस पोस्ट में हमने आजकल बोर्ड में पूछे जा रहे प्रश्नों के आधार पर लिंग की परिभाषा एंव लिंग परिवर्तन के नियमो का विस्तार पूर्वक वर्णन किया है , यह पोस्ट आगामी सभी भर्तियो के लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी | राजस्थान की विभिन विभागों की तेयारी कर रहे वुद्यार्थी एक बार अवस्य रूप से इस पोस्ट का अध्ययन कर लेवे | Ling ki pribhasha or bhed

Contents

लिंग की परिभाषा ( Ling ki pribhasha )

शाब्दिक अर्थ है – चिहन अर्थात जो शब्द स्त्री या पुरुष जाति का बोध कराते है, उन्हें लिंग कहते है|
उदाहरण :-

  • लड़का खेल रहा है
  • लड़की लिख रही है
  • बच्चे पढ़ रहे है
  • बालिकाएं गा रही है

लिंग के प्रकार : दो

पुलिंग की परिभाषा

जिससे पुरुष जाती का बोध हो|
जैसे :- मोहन , गधा , लड़का, बैल आदि

निम्न प्रकार के शब्द प्रायः पुंल्लिंग होते हैं
1. महासागरों के नाम –
प्रशांत महासागर, अरब सागर
2. देशों के नाम – भारत, नेपाल, जापान, चीन, (श्रीलंका-स्त्रीलिंग)
3. ग्रहों के नाम – यम, सूर्य, चन्द्रमा (पृथ्वी-स्त्रीलिंग)
4. अनाज व दालों के नाम – गेहूँ, चना, जौ, बाजरा – (ज्वार, मक्का, सरसों, अरहर, मूग – स्त्रीलिंग)
5. वृक्षों के नाम – आम, पीपल, बरगद (खेजड़ी, नीम इमली-स्त्रीलिंग)
6. पर्वतों के नाम – अरावली, हिमालय, नीलगिरि, एंडिज
7. धातुओं, नगों, रत्नों के नाम – सोना, पीतल, तांबा, नीलम, मोती, हीरा, पन्ना (चाँदी, मणि-स्त्रीलिंग)
8. द्रव्य पदार्थों के नाम – दही, दूध, पानी, पैट्रोल (चाय, कॉफी, लस्सी, शराब, स्याही स्त्रीलिंग)
9. वारों व महिनों के नाम – सोमवार, रविवार, सावन, कार्तिक, मार्च, दिसम्बर (जनवरी, फरवरी, मई स्त्रीलिंग)
10. सभी समासों के नाम – तथा (इ, ई, ऋ) वर्णों को छोड़कर शेष सभी वर्ण पुंल्लिंग होते हैं।

स्त्रीलिंग की परिभाषा

स्त्रीलिंग :- जिससे स्त्री जाति का बोध हो |
जैसे :- लड़की , गाय, राधा आदि

निम्न प्रकार के शब्द प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं
1. ऋतुओं के नाम –
गरमी, सरदी, पतझड़
2. तिथियों व नक्षत्रों के नाम – प्रदोष, अमावस्या, रोहिणी, भरिणी, पुष्य, आर्द्रा
3. झीलों व नदियों के नाम – डल झील, नर्मदा, गंगा, झेलम (सतजल, सिंधु-पुंल्लिंग)
4. सभी भाषाओं, बोलियों व लिपियों के नाम – हिंदी, देवनागरी, फारसी, राजस्थानी, तमिल

लिंग की पहचान तथा लिंग परिवर्तन के नियम

1. जिन शब्दों के अन्त में आ, पा, या पन रहता है वे प्राय: पुल्लिंग होते हैं
उदाहरण :-
खाना, दाना, बुढ़ापा, मोटापन, बचपन आदि।
अपवादः- जटा, जरा, माला आदि।

2. जिन शब्दों के अन्त में ख, आई, ता, ई, इया, वट या हट होता है वे प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं
उदाहरण :-
गाली, जाली, सवारी, सब्जी, साड़ी, इमली, गरमी, नारी, मुस्कराहट, झुंझलाहट, सजावट, बनावट, रुकावट, राख, भीख, सीख, भलाई, बुराई, गहराई, ऊँचाई, स्वतन्त्रता, पराधीनता, कटुता, मधुरता, सुन्दरता, सत्ता, प्रसन्नता, अक्षुण्णता, लड़की, लकड़ी, नदी, कुटिया, मिलावट, थकावट, घबराहट आदि।
अपवाद :- मोती, पानी, दही, घी, जी आदि।

3. भाषाओं और बोलियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं
उदाहरण :-
पंजाबी, फारसी, गुजराती, तमिल, अरबी, हिन्दी, मैथिली, मराठी, उर्दू, ब्रज, भोजपुरी, बंगला, सिंधी, ग्रीक, अवधी, अंग्रेजी, मलयालम, लैटिन, मगही, संस्कृत, कन्नड़, फ्रेंच, बुंदेली आदि।

4. अरबी-फारसी (उर्दू) के ‘ त’ अन्तवाली संज्ञाएँ प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं
उदाहरण :-
नजाकत, शरारत, जुर्रत, इज्जत, शोहरत, इबादत, हिफाजत, कयामत, किल्लत, हुज्जत, बगावत आदि।

5. रत्नों के नाम, धातुओं के नाम तथा द्रवों के नाम अधिकांशतः पुल्लिंग होते
उदाहरण :-
हीरा, सोना, पन्ना, ताँबा, लाल, कांस्य, मूँगा, मोती, पुखराज, पीतल, नीलम, लोहा, जवाहर, सीसा, टीन, जस्ता, पारा, सोडा, दूध, घी, तेल, जल, कोका, जलजीरा, रस, काढ़ा आदि।
अपवाद :– चाय, धारा, शराब, बूँद, मद्य, स्याही, शिकंजी, चाँदी, रत्ती, छाछ, मणि, लस्सी, सीपी, कॉफी आदि।

6. सब्जियों और पेड़ों के नाम कुछ पुल्लिंग
उदाहरण :-
पुल्लिंग- बूटा, देवदार, तेंदु, नारियल, पपीता, खरबूजा, कुम्हड़, करेला, लहसुन, मटर, टमाटर, खजूर, चन्दन, बिजौरा, शहतूत, सेब, फालसा, तरबूज, कद्दू, खीरा, आलू, पुदीना, अदरक, ताड़, आबनूस, माल्टा, जामुन, कीकर, कटहल, नीबू, कचालू, धनिया, प्याज, बैंगन, शलजम, अमलतास आदि।
स्त्रीलिंग :- बेल, गूठी, चिरौंजी, बेली, जूही, मौसंबी, इमली, ककड़ी, सरसों, गाजर, भिंडी, फूलगोभी, मूली, मेंथी, फराजबीन, शकरकंद, लीची, चमेली, नरगिस, लता, वल्लरी, अंजीर, खुबानी, बीही, नाशपाती, कचनार, फलियाँ, पालक, तुरई, बन्दगोभी आदि।

Ling ki pribhasha or bhed

7. तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं
उदाहरण :-
प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावस्या आदि।

8. अनाजों के नाम पुल्लिंग होते हैं
उदाहरण :-
गेहूँ, जौ, चना, बाजरा, चावल आदि।
अपवाद :- ज्वार।

9. पर्वतों, हिन्दी महीनों, दिनों, देशों, जल – स्थल के नाम पुल्लिंग होते हैं
उदाहरण :-
हिमालय, धौलागिरि, मंदार, चैत्र, वैसाख, ज्येष्ठ, सोमवार, मंगलवार, भारत, अमेरिका, सागर, महासागर आदि।
अपवाद :- श्रीलंका

10. नदियों एवं झीलों के नाम प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं
उदाहरण :-
गंगा, यमुना, घाघरा, गण्डक, रावी, ताप्ती, नर्मदा, सतलज, व्यास, चिनाब, झेलम, कृष्णा, कावेरी, गोदावरी, चम्बल, साँभर झील, पुष्कर झील, डल झील आदि।
अपवाद :- ब्रह्मपुत्र, सिंधु, सोन।

11. ग्रह-नक्षत्रों के नाम अधिकांशतः पुल्लिंग होते हैं
उदाहरण :-
सूर्य, चन्द्र, शनि, बुध, बृहस्पति, शुक्र, मंगल, राहु, केतु आदि।
अपवाद :- रोहिणी, मृगशिरा, पृथ्वी।

12. कुछ प्राणिवाचक शब्दों का प्रयोग केवल स्त्रीलिंग में होता है
उदाहरण :-
सुहागिन, सौत, धाय, संतति, संतान, सेना, सती, सौतन, नर्स, औलाद, पुलिस, फौज, सरकार आदि।

ling in hindi

13. शरीर के कुछ अंग पुल्लिंग होते हैं तो कुछ स्त्रीलिंग-
उदाहरण :-

पुल्लिंग :- सिर, माथा, बाल, कान, मुँह, मस्तक, ललाट, कंठ, ओंठ, दाँत, गला, हाथ, पैर, नाखून, भाल, पेट, टखना, अँगूठा, घुटना, माँस, फेफड़ा आदि।
स्त्रीलिंग :- आँख, नाक, जीभ, वेणी, चोटी, शिखा, दाढ़ी, मूँछ, आँत, गर्दन, ग्रीवा, ठोड़ी, कमर, कलाई, पीठ, कुहनी, उँगली, काँख, हड्डी, शिरा।

14. जिन शब्दों के अन्त में त्र, न, ण, ज, आर, आय हो वे प्रायः पुल्लिंग होते
उदाहरण :-
चित्र, रदन, वदन, जागरण, पोषण, मित्र, व्याकरण, भोजन, मनोज, पत्र, रमन, पालन, भरण, हरण, भोज, अनाज, ताज, समाज, प्रकार, आचार, विचार, प्रचार, व्यवसाय, अध्याय, न्याय आदि।
अपवाद :- थकान, लाज, खोज, हार, हाय, लगन, हुँकार, बौछार, मौज, पुकार आदि।

15. प्राणियों के समूह को व्यक्त करने वाली कुछ संज्ञाएँ पुल्लिंग हैं तो कुछ स्त्रीलिंग
पुल्लिंग :- देश, परिवार, प्रशासन, समुदाय, संघ, झुण्ड, राज्य, प्रान्त, प्राधिकरण, विद्यालय, मंडल, नगरनिगम, विद्यापीठ, विश्वविद्यालय आदि।
स्त्रीलिंग :- सभा, जनता, सरकार, समिति, कमेटी, टोली, विधानसभा पाठशाला, भीड़, नगरपालिका, ब्रिगेड, संसद आदि।

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम

1. कुछ अकारांत पुल्लिंग शब्दों को आकारांत कर देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है|
उदाहरण :-
छात्र – छात्रा
शिष्य – शिष्या
तनुज – तनूजा
बाल – बाला
प्रिय – प्रिया
आचार्य – आचार्या
अग्रज – अग्रजा
आत्मज – आत्मजा

2. कुछ अकारांत एंव आकारांत पुल्लिंग शब्दों को इकारांत कर देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है |
उदाहरण :-
मेढक – मेंढकी
पहाड़ – पहाड़ी
देव – देवी
गोप – गोपी
नर – नारी
नगर – नगरी
भतीजा – भतीजी
दादा – दादी
टोप – टोपी

3. कुछ अकारांत पुल्लिंग शब्दों में ‘नी’ जोड़ देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है|
उदाहरण :-

मोर – मोरनी
नट – नटनी
ऊंट -ऊंटनी
शेर -शेरनी
चोर – चोरनी
जाट – जाटनी
भील – भीलनी
हंस – हंसनी
राजपूत – राजपूतनी
हाथी – हथनी

4. कुछ ‘ जातिबोधक ‘ पुल्लिंग शब्दों के अंतिम स्वर को लोप करके ‘इन’ लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है
उदाहरण :-
तेली – तेलिन
कुम्हार – कुम्हारिन
सांप – सांपिन
पुजारी – पुजारिन
लुहार – लुहारिन
नाग – नागिन
सुनार – सुनारिन
ग्वाला – ग्वालिन
बाघ – बाघिन

5. कुछ अकारांत पुल्लिंग शब्दों में ‘आनी’ लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है
उदाहरण :-
देवर – देवरानी
रूद्र – रुद्राणी
नौकर – नौकरानी
ठाकुर – ठकुरानी
पंडित – पंडितानी
खत्री – खात्रानी
सेठ – सेठानी
मेहतर – मेहतरानी

6. कुछ जातिबोधक पुल्लिंग शब्दों के अंतिम स्वर का लोप कर उनमे ‘आइन’ लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है |
उदाहरण :-

ठकुर – ठकुरराइन
नाई – नाइन
गुरु – गुरुआइन
मुंशी – मुन्शिआइन
चौधरी – चौधराइन
पंडित – पंडिताइन

7. कुछ आकारांत पुल्लिंग शब्दों में अंतिम स्वर ‘आ’ के स्थान पर ‘इया’ कर देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है|
उदाहरण :-
बुड्ढा – बुढ़िया
चूहा – चुहिया
कुत्ता – कुतिया
डिब्बा – डिब्बिया
लोटा – लुटिया

8. अकारांत पुल्लिंग शब्दों में ‘अक’ के स्थान पर ‘इका’ कर देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है|
उदाहरण :-
शिक्षक – शिक्षिका
नायक – नायिका
पालक – पालिका
गायक – गायिका
याचक – याचिका
पाठक – पाठिका
सेवक सेविका
संरक्षक – संरक्षिका
दर्शक – दर्शिका
रक्षक – रक्षिका

पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के उदाहरण

9. ‘वान’ से समाप्त होने वाले पुल्लिंग शब्दों में ‘वती’ तथा ‘मान्’ से समाप्त होने वाले पुल्लिंग शब्दों में ‘मती’ लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है|
उदाहरण :-

भगवान् – भगवती
धनवान् – धनवती
श्रीमान् – श्रीमती
बलवान् – बलवती
विद्वान् – विद्वती
बुद्धिमान् – बुद्धिमती
गुणवान् – गुणवती
भाग्यवान् – भाग्यवती
सत्यवान् – सत्यवती
आयुष्मान् – आयुष्मती

10. कुछ शब्द स्वतंत्र रूप से स्त्री-पुरुष के जोड़ होते है
उदाहरण :-
पति पत्नी
पुत्र – पुत्री
मर्द – औरत
पिता – माता
दामाद – बेटी
वर – वधू
पुरुष – स्त्री
भाई – बहन

11. कुछ शब्द ‘नित्य पुल्लिंग’ होते है इनका प्रयोग हमेशा पुल्लिंग के रूप में होता है| इनके पहले ‘ मादा ‘ विशेषण जोडकर इन्हें स्त्रीलिंग बनाया जा सकता है
उदाहरण :-
मच्छर – मादा मच्छर
कछुआ – मादा कछुआ
तोता – मादा तोता
उल्लू मादा उल्लू
मगरमच्छ – मादा मगरमच्छ
कौआ – मादा कौआ
चिता – मादा चिता
भेडीया – मादा भेड़िया
खरगोश – मादा खरगोश
पक्षी मादा पक्षी

12. कुछ शब्द ‘नित्य स्त्रीलिंग ‘ होते है|इनका प्रयोग हमेशा स्त्रीलिंग के रूप में होता है|ईन शब्दों के पहले ‘ नर ‘ विशेषण लगाकर इन्हें पुल्लिंग बनाया जाता है|
उदाहरण :-

मछली – नर मछली
मक्खी – नर मक्खी
तितली – नर तितली
चील – नर चील
चींटी – नर चींटी
चिड़िया – नर चिड़िया
मैना – नर मैना
छिपकली – नर छिपकली
कोयल – नर कोयल
मकड़ी – नर मकड़ी
गिलहरी – नर गिलहरी
गोरेया – नर गोरेया

कुछ शब्दों का लिंग परिवर्तन इस प्रकार होता है
कवि – कवयित्री
सम्राट् – सम्राज्ञी
वीर – वीरांगना
विधुर – विधवा
लोग – लुगाई
साला – सलहज
पुत्र – पुत्रवधू
मियां – बीवी
नर – मादा
विद्वान – विदुषी
साधु – साध्वी
साहब – साहिबा
महान् – महती.
फूफा – बुआ

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FAQ
प्रश्न 1. लिंग किसे कहते है?

उत्तर : लिंग का शाब्दिक अर्थ है – चिहन अर्थात जो शब्द स्त्री या पुरुष जाति का बोध कराते है, उन्हें लिंग कहते है|

प्रश्न 2. लिंग कितने प्रकार के होते है?

उत्तर : लिंग 2 प्रकार के होते है
1. पुल्लिंग 2. स्त्रीलिंग

प्रश्न 3. पुलिंग किसे कहते है?

उत्तर : जिससे पुरुष जाती का बोध हो, उसे पुल्लिंग कहते है|

प्रश्न 4. स्त्रीलिंग किसे कहते है?

उत्तर : जिससे स्त्री जाति का बोध हो उसे स्त्रीलिंग कहते है|

प्रश्न 5. ‘ कवि ‘ का स्त्रीलिंग क्या होगा?

उत्तर : कवयित्री

प्रश्न 6. ‘ मगरमच्छ ‘ का स्त्रीलिंग है?

उत्तर : मादा मगरमच्छ






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