Vachan ki pribhasha or bhed ( वचन की परिभाषा और उसके भेद ) : वचन क्या है? वचन कितने प्रकार के होते है हिंदी व्याकरण की इस महत्वपूर्ण पोस्ट में वचन के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया है, वचन ( Vachan ki pribhasha or bhed ) के बारे में तो आप सभी जानते ही हो परन्तु इस पोस्ट में वचन की परिभाषा और उसके भेदों की परिभाषा उदाहरन सहित दी गई है, साथ ही वचन बदलने के महत्वपूर्ण नियमो का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है |
Contents
वचन की परिभाषा उदाहरन सहित ( Vachan ki pribhasha or bhed )
पदों के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो, ‘वचन’ कहलाता है|
उदाहरण :-
1. लड़का बहुत प्रतिभाशाली था|
2. लडके बहुत प्रतिभाशाली थे |
3. लड़की भी पढने जाने लगी|
4. लडकियाँ भी पढने जाने लगी|
वचन के प्रकार : दो होते है
- एकवचन
- बहुवचन
एकवचन की परिभाषा
संज्ञा के जिस रूप से किसी एक व्यक्ति, वस्तु या प्राणी का बोध हो उसे एकवचन कहते है|
उदाहरन :-
लड़का, बच्चा, लोटा, तोता, रुपया, दरवाजा, बेटा, पोता, सच्चा, कच्चा, इत्यादि।
बहुवचन की परिभाषा
संज्ञा के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्ति, वस्तु या प्राणी का बोध हो उसे बहुवचन कहते है |
उदाहरन :-
लड़के, बच्चे, लोटे, तोते, रुपए, दरवाजे, बेटे, पोते, सच्चे, कच्चे इत्यादि।
वचन परिवर्तन के नियम
1. आकारान्त पुल्लिंग संज्ञा में ‘ आ’ की जगह ‘ ए’ की मात्रा लगाकर
एकवचन – बहुवचन
बेटा – बेटे
लड़का – लड़के
बच्चा – बच्चे
तोता – तोते
पहिया – पहिये
छाता – छाते
तारा – तारे
रास्ता – रास्ते
कमरा – कमरे
आईना – आईने
सच्चा – सच्चे
लोटा – लोटे
दरवाजा – दरवाजे
पोता – पोते
कच्चा – कच्चे
विशेष :- यह नियम संबंध सूचक शब्दों व पद सूचक शब्दों पर लागू नही होता है –
जैसे :- मामा, काका, पापा, चाचा, राजा, दरोगा, ओझा आदि |
2. अकारान्त या आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओं में ‘ एँ’ की मात्रा लगाकर
एकवचन – बहुवचन
सड़क – सड़कें
शाखा – शाखाएँ
राह – राहें
खबर – खबरें
वार्ता – वार्ताएँ
बात – बातें
किताब – किताबें
खाट – खाटें
दवात – दवातें
रात – रातें
आँख – आँखे
भेड़ – भेड़े
बहिन – बहिने
गेंद – गेंदे
दीवार – दीवारे
मूंछ – मूंछे
तलवार – तलवारे
चाल – चाले
3. इकारान्त में ‘ याँ ‘ और ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा में’ ई ‘ को’ इ ‘ बना’ याँ ’ लगाकर
एकवचन – बहुवचन
सवारी – सवारियाँ
अंगूठी – अंगूठियाँ
खिड़की – खिड़कियाँ
कुर्सी – कुर्सियाँ
घड़ी – घडियाँ
हड्डी – हड्डियाँ
नाली – नालियाँ
श्रुति – श्रुतियाँ
त्रुटि – त्रुटियाँ
खुरपी – खुरपियाँ
तितली – तितलियाँ
मिठाई – मिठाइयाँ
अच्छाई – अच्छाइयां
रजाई – रजाईयां
रीती – रीतियाँ
थाली – थालियाँ
लड़ी – लड़ियाँ
गर्मी – गर्मियाँ
जाति – जातियाँ
दवाई – दवाइयाँ
परछाई – परछाइयाँ
मकड़ी – मकड़ियाँ
बुराई – बुराइयाँ
vachan in hindi
4. उकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा में ‘ एँ’ एवं ऊकारान्त में ‘ ऊ’ को ‘ उ’ कर ‘ एँ ‘ लगाकर
एकवचन – बहुवचन
धेनु – धेनुएँ
वस्तु – वस्तुएँ
ऋतु – ऋतुएँ
धातु – धातुएँ
बहू – बहुएँ
वधू – वधुएँ
शाला – शालाएँ
महिला – महिलाएँ
धातु – धातुएँ
गौ – गौएँ
कथा – कथाएँ
5. ‘ या’ अन्त वाली स्त्रीलिंग संज्ञाओं में ‘ या’ के ऊपर चन्द्रबिन्दु लगाकर
एकवचन – बहुवचन
मचिया – मचियाँ
बचिया – बचियाँ
बिटिया – बिटियाँ
चिड़िया – चिड़ियाँ
खटिया – खटियाँ
डिबिया – डिबियाँ
टिकिया – टिकियाँ
बुढ़िया – बुढ़ियाँ
गुड़िया – गुड़ियाँ
चुहिया – चुहियाँ
पुड़िया – पुड़ियाँ
6. गण, वृन्द, लोग, जन, वर्ग आदि लगाकर
एकवचन – बहुवचन
गुरु – गुरुजन
गुरु – गुरु वृंद
छात्र – छात्र वृंद
अध्यापक – अध्यापक गण
नेता – नेता गण
अमीर – अमीर लोग
ब्राह्मण – ब्राह्मण लोग
बच्चा – बच्चे लोग
नारी – नारी वृंद
सज्जन – सज्जन वृंद
भक्त – भक्त गण
बंधु – बंधुवर्ग
भाई – भाई लोग
गरीब – गरीब लोग
पाठक – पाठकगण
लेखक – लेखकगण
पक्षी – पक्षीवृन्द
कवि – कविगण
कारक विभक्ति युक्त शब्दों के वचन परिवर्तन के नियम
1. अ, आ, उ, ऊकारांत शब्दों के अंत में ‘ ओं ‘ प्रत्यय लगाकर वचन परिवर्तन किया जाता है
उदाहरण :-
बालक – बालकों
शाला – शालाओं
बहू – बहुओं
रात – रातों
भेड़ – भेड़ों
गुरु – गुरुओं
2. इकारांत, ईकारांत, औकारांत शब्दों के अन्त में’ यों ‘ प्रत्यय लगाकर उनका वचन परिवर्तन किया जाता है
उदाहरण :-
कवि – कवियों
लड़की – लड़कियों
रोटी – रोटियों
नारी -नारियों
वचन सम्बन्धी विशेष नियम
कुछ शब्द सदैव बहुवचन में ही प्रयुक्त होते हैं।
उदाहरण :-
प्राण, दर्शन, आँसू, होश, बाल, हस्ताक्षर, ओंठ, अक्षत, अनेक, आदेश, लोग, बजे, बाल आदि
कुछ शब्द नित्य एकवचन होते हैं।
उदाहरण :-
माल, जनता, सामान, सामग्री, सोना, पृथ्वी, पुलिस, वर्षा, पानी, चाँदी, लोहा, सूरज, ईश्वर, सेना, हवा, आग, आकाश, दूध, व्यक्तिवाचक संज्ञा, भाव वाचक संज्ञा के शब्द प्रतिएक, हर एक, स्थान का नाम आदि
आदरणीय व्यक्ति के लिए बहुवचन का प्रयोग होता है।
उदाहरण :-
1. माताजी मंदिर गई हैं।
2. पिताजी जयपुर से आज लौटेंगे।
3. गुरु जी पढ़ा रहे है|
4. माता जी खाना बना रही है |
‘ अनेक’ अपने आप में बहुवचन है, अत: इसके स्थान पर ‘ अनेकों’ शब्द का प्रयोग करना गलत है।
उदाहरण :-
बाग में अनेक पेड़ थे।
अभिमान व अधिकार के लिए सदैव बहुवचन का प्रयोग होता है, अर्थात् मैं के स्थान पर ‘ हम’ शब्द का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण :-
नेताजी ने कहा, “ हम आपकी समस्या पर विचार करेंगे।”
‘ तू’ के स्थान पर ‘ तुम’ का प्रयोग -‘तू ‘ शब्द का प्रयोग केवल अपने से छोटों के लिए, घनिष्ठ मित्रों के लिए, दुश्मन के लिए तथा भगवान के लिए ही किया जाता है। इनके अलावा अन्य सभी के लिए’ तुम ‘ का प्रयोग किया जाता है।
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FAQ
उत्तर : पदों के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो, ‘वचन’ कहलाता है|
उत्तर : वचन दो प्रकार के होते है
1. एकवचन 2. बहुवचन
उत्तर : संज्ञा के जिस रूप से किसी एक व्यक्ति, वस्तु या प्राणी का बोध हो उसे एकवचन कहते है|
उदाहरन :- लड़का, बच्चा, लोटा, तोता, रुपया, दरवाजा, बेटा, पोता, सच्चा, कच्चा, इत्यादि।
उत्तर : संज्ञा के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्ति, वस्तु या प्राणी का बोध हो उसे बहुवचन कहते है |
उदाहरन :- लड़के, बच्चे, लोटे, तोते, रुपए, दरवाजे, बेटे, पोते, सच्चे, कच्चे इत्यादि।
उत्तर : आप लोग
उत्तर : बहुएं
उत्तर : वर्षा
उत्तर : नारियाँ