RAJASTHAN GK : राजस्थान की झीले | Rajasthan ki jhile notes

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राजस्थान की खारे पानी की झीले Rajasthan ki jhile notes

सांभर झील(Rajasthan ki jhile notes)

  • इस झील का प्रवर्तक चौहान शासक वासुदेव को माना जाता है।
  • सांभर झील भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी तथा प्राकृतिक झील है।
  • इस सांभर झील में मेन्था, खारी, रूपनगढ़ और खण्डेला नदियां अपना जल डालती हैं।
  • सांभर झील जयपुर जिले में स्थित है।
  • भारत के कुल नमक उत्पादन का 8 % नमक सांभर झील से उत्पादित होता है।
  • हिन्दुस्तान नमक कम्पनी, के द्वारा इस झील से नमक उत्पादन का कार्य किया जा रहा है ।
  • इस झील में एक सोडियम सल्फेट संयंत्र स्थापित किया गया है।
  • इस झील का अपवाह क्षेत्र लगभग 500 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है।
  • पर्यटन के क्षेत्र में साम्भर झील को रामसर साईट के नाम से जाना जाता है।
  • साम्भर झील के किनारे सर्दियों में राजहंसों को देखा जा सकता है। राजहंस का वैज्ञानिक नाम फलेमिगोज है। Rajasthan ki jhile notes
  • साम्भर झील की खुदाई में पुरातात्विक सामग्री प्राप्त हुई है।

पंचभद्रा झील

  • यह झील बाड़मेर जिले के पंचभद्रा नामक स्थान पर स्थित है।
  • इस झील का नमक उत्तम किस्म का होता है। इसके जल में सोडियम क्लोराइड की मात्रा 98 % पाई जाती है।
  • इस झील में खारवाल जाति के लोग मोरली झाड़ी से परम्परागत तरीके से नमक निर्माण का कार्य करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि 400 वर्ष पूर्व पंचा नामक भील के द्वारा दलदल को सुखाकर इस झील का निर्माण किया गया इसलिए इस झील का नाम पंचभद्रा पड़ा।

डीडवाना झील

  • डीडवाना झील वर्तमान में नागौर जिले में स्थित है।
  • झील का नमक खाने के अयोग्य माना जाता है।
  • इस झील से सोडियम तैयार कर कागज बनाने में इसका प्रयोग किया जाता है।
  • डीडवाना झील के पास राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स नाम से दो उद्योग स्थापित हैं, जो सोडियम सल्फाइड व सोडियम सल्फेट का निर्माण करते हैं।
  • इस झील के तट में चिपचिपी काली कीचड़ युक्त मिट्टी है, जिसके नीचे खारे पानी के भंडार हैं।

लूणकरनसर झील

  • यह वर्तमान में बीकानेर के पास लूणकरणसर में स्थित है।
  • इस झील के पानी में लवणीयता की कमी के कारण बहुत कम नमक का उत्पादन होता है।
  • अन्य खारे पानी की झीलें = कावोद (जैसलमेर), डेगाना, कुचामन (नागौर), तालछापर (चूरू), फलौदी (जोधपुर), रैवासा( सीकर)|

राजस्थान की मीठे पानी की झीले pdf

जयसमन्द झील

  • महाराणा जयसिंह ने इस झील का निर्माण 1685-1691 के मध्य करवाया।
  • जयसमंद झील को ढेबर ‘ झील के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस झील का निर्माण गोमती नदी पर बांध बनाकर किया गया है।
  • यह मीठे पानी की विश्व की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
  • इस झील के अन्दर 7 बड़े टापू है, जिसमें’ बाबा का भागड़ा ‘ सबसे बड़ा तथा’ प्यारी ‘ सबसे छोटा टापू है।
  • इन 7 टापुओं में भील व मीणा जाति के लोग रहते हैं।
  • जयसमन्द झील उदयपुर जिले में स्थित है।
  • इस झील की सिंचाई के लिए दो नहरें-श्यामपुर नहर एवं भाट/ भट्टा नहर निकाली गई है।
  • जयसमन्द झील के एक टापू पर आइसलैण्ड रिसोर्ट नामक होटल भी बनाया गया है।
  • जयसमन्द झील पर’ औदियां ‘ और ‘ प्रसाद ‘ बने हुए हैं।

राजसमन्द झील

  • महाराणा राजसिंह ने 1662 ई में राजसमन्द झील का निर्माण कांकरोली (राजसमन्द) में करवाया।
  • राजसमन्द झील का उत्तरी भाग ” नौचौकी की पाल” के नाम से प्रसिद्ध है।
  • ” नौचौकी की पाल” पर 2 5 शिलालेखों पर राजप्रशस्ति उत्कीर्ण है। इस प्रशस्ति को रणछोड़ भट्ट ने उत्कीर्ण करवाया था।
  • राजप्रशस्ति शिलालेख पर मेवाड़ का इतिहास संस्कृत भाषा में अंकित है।
  • राजसमन्द झील में गोमती नदी का पानी आकर गिरता है।
  • राज प्रशस्ति को विश्व की सबसे बड़ी प्रशस्ति माना जाता है।
  • राजसमन्द झील को राज्य सरकार ने धार्मिक दृष्टि से पुष्कर की तरह पवित्र झील घोषित किया गया है।
  • इस झील के तट पर श्री द्वारकाधीश का वैभवशाली मंदिर स्थित है।
  • राज प्रशस्ति में महाराजा मानसिंह एवं महाराणा प्रताप के वैमनस्य एवं हल्दीघाटी युद्ध में शक्ति सिंह की भूमिका का अच्छा वर्णन है।
  • राजसमन्द झील का जल सिंचाई के काम आता है।

पिछोला झील

  • राणा लाखा के काल एक बंजारे द्वारा 14 वीं शताब्दी के अन्त में इस झील का निर्माण करवाया गया।
  • पिछोला झील उदयपुर की सबसे प्रसिद्ध व सुन्दर झील है।
  • इस झील को स्वरूप सागर झील के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस झील पर महाराणा उदयसिंह ने मरम्मत का कार्य करवाया था।
  • पिछोला झील पर दो टापू हैं, जिन पर जगमंदिर और जगनिवास महल बने हुए हैं।
  • खुर्रम (शाहजहां) ने विद्रोही दिनों में यहीं पर आकर शरण ली थी। जग
  • पिछोला झील को बुझड़ा नदी एवं सीसारमा नदी के द्वारा जल की आपूर्ति की जाती है।
  • पिछोला झील को अब फतेहसागर झील से जोड़ दिया गया है।
  • वर्तमान में इस झील पर लेक पैलेस होटल भी बना हुआ है।

नक्की झील

  • इस कृत्रिम झील का निर्माण जन आख्यानों के अनुसार देवताओं द्वारा अपने नाखूनों से खोदकर किया गया।
  • नक्की झील वर्तमान में माउण्ट आबू (सिरोही) में है।
  • नक्की झील राजस्थान की सबसे ऊंची झील है।
  • इस झील में नन रॉक एवं टॉड रॉक प्रसिद्ध है।
  • यह राज्य की एकमात्र ऐसी झील है, जो सर्दियों में अक्सर जम जाती है
  • इस झील के किनारे रघुनाथ जी का मंदिर स्थित है।
  • हाथी गुफा, चम्पा गुफा एवं राम झरोखा जैसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल इस झील के पास पर्वत पर स्थित हैं।
  • सनसेट प्वाइंट एवं हनीमून प्वाइंट इसी झील के पास स्थित हैं।

फतेहसागर झील

  • इस झील का निर्माण महाराणा जयसिंह के द्वारा करवाया गया।
  • अतिवृष्टि में तहस-नहस हो जाने पर इस झील का पुनः निर्माण महाराणा फतेहसिंह ने करवाया। इसी कारण इस झील का नाम फतेहसागर झील पड़ा।
  • फतेहसागर झील की आधार शि ड्यूक ऑफ कनाट द्वारा रखी गई थी।
  • फतेहसागर झील में एक ‘ सौर वैद्यशाला’ की स्थापना की गई है।
  • इस झील के एक टापू पर नेहरू उद्यान ‘ (आइसलैण्ड) बना हुआ है।
  • पिछोला झील और फतेहसागर झील को एक बड़ी नहर के द्वारा मिलाया गया है।

पुष्कर झील

  • यह झील सर्वप्रथम पुष्करणा ब्राह्मणों द्वारा खोदी जाने के कारण पुष्कर झील कहलाई।
  • पुष्कर झील वर्तमान में अजमेर जिले में स्थित है।
  • यह राज्य की सबसे प्राचीन, पवित्र एवं प्राकृतिक झील है।
  • इस झील पर ब्रह्माजी एवं सावित्री का प्राचीन मंदिर बना हुआ है।
  • पुष्कर झील में सफाई का कार्य कनाडा सरकार की आर्थिक सहायता से किया जा रहा है।
  • यह पुष्कर झील को हिन्दुओं का पांचवां तीर्थ माना जाता है।
  • पुष्कर झील पर 52 घाट बने हुए हैं।
  • मैडम मेरी ने इस झील में महिला घाट का निर्माण करवाया जिसे वर्तमान में गांधी घाट के नाम से जाना जाता है।
  • पुष्कर में प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को विशाल मेला लगता है।
  • इस झील में राजस्थान साल्ट वर्क्स की 1960 में स्थापना की गई।
  • विश्वामित्र ने पुष्कर झील के किनारे ही तपस्या की थी, जिसे मेनका (इन्द्र की अप्सरा) ने भंग किया था।
  • महाभारत की रचना एवं वेदों को रचने का कार्य वेद व्यास ने पुष्कर झील के किनारे किया था।
  • भूगोलवेत्ताओं ने इसे ज्वालामुखी निर्मित झील माना है।

बीसलसर झील

  • अजमेर के चौहान शासक बीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) ने इस झील का निर्माण 1152 ई. से 1162 ई. के मध्य करवाया।
  • जहाँगीर ने इस झील के किनारे महल का निर्माण करवाया।
  • यह झील वर्तमान में अजमेर में स्थित है।

कोलायत झील

  • कोलायत झील बीकानेर जिले में स्थित है।
  • इस झील के किनारे कपिल मुनि का आश्रम स्थित है।
  • कोलायत झील में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को कपिल मुनि का मेला भरता है।
  • कोलायत झील को शुष्क मरूस्थल का सुन्दर मरूउद्यान भी कहा जाता है।

मानसरोवर झील

  • यह झील झालावाड़ जिले में स्थित है।
  • रियासती काल में यह एक प्रसिद्ध शिकारगाह थी।
  • इस झील में करोंदे के वृक्ष विशेष रूप से पाये जाते हैं।

उदयसागर झील

  • इस झील का निर्माण उदयसिंह ने करवाया था।
  • यह झील वर्तमान में उदयपुर जिले में स्थित है।
  • आयड़/ आहड़ नदी के जल से इस झील का निर्माण किया गया।

कायलाना झील

  • इस झील का निर्माण सर प्रताप ने करवाया था।
  • वर्तमान में यह झील जोधपुर जिले में स्थित है।
  • इस झील के पास एक ‘ सफारी पार्क’ बनाया गया है।
  • जोधपुर शहर को पेयजल की आपूर्ति करने में यह झील महत्वपूर्ण है।

आनासागर झील

  • अर्णोराज ने इस झील का निर्माण सन् 1137 में करवाया था। वर्तमान में यह कृत्रिम झील अजमेर में स्थित है।
  • इस झील के किनारे जहाँगीर ने सुभाष उद्यान (दौलत बाग) का निर्माण करवाया था।
  • तुर्को की सेना के संहार के बाद खून से रंगी धरती को साफ करने के लिए इस झील का निर्माण करवाया था।
  • शाहजहां ने इस झील के तट बंधन पर संगमरमर के 12 दरवाजे बनवाये थे, जिन्हें बारहदरी कहते है।

दुगारी झील

  • यह झील दुगारी (बूंदी) में स्थित है।
  • यह झील कनक सागर के नाम से भी प्रसिद्ध है।
  • इस झील को बूंदी जिले का विशाल भंडार कहा जाता है।
  • इसका निर्माण 1580 ई. में करवाया गया।

फॉयसागर झील

  • इस झील का निर्माण इंजीनियर फॉय के निर्देशन में हुआ। इसी कारण इस झील का नाम फॉयसागर पड़ा।
  • अजमेर में स्थित इस झील का निर्माण बांडी नदी को रोककर करवाया गया।
  • इस झील का पानी आनासागर में गिरता है।

भोपाल सागर झील

  • इस झील का निर्माण महाराणा भोपाल सिंह ने करवाया।
  • भोपाल सागर झील चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है।
  • इस झील में जल की आपूर्ति मातृकुंडिया स्थान पर बने बनास नदी के बांध से की जाती है।

गजनेर झील

  • यह बीकानेर की एक छोटी झील है।
  • इस झील के पानी से गेहूं और सरसों की खेती की जाती है।

सिलीसेढ़ झील

  • सिलीसेढ़ झील अलवर में स्थित है।
  • इस झील के किनारे 1845 ई. में महाराजा विनय सिंह ने अपनी रानी शीला के लिए शाही महल एवं लॉज बनवाया, जो आजकल लेक पैलेस होटल के रूप में चल रहा है।

बालसमन्द झील

  • इस झील का निर्माण सन् 1159 ई. में परिहार शासक बालक राव ने करवाया था।
  • बालसमन्द झील जोधपुर जिले में स्थित है।

गैव सागर झील

  • गैव सागर झील डूंगरपुर जिले में है।
  • इस झील के किनारे उदय विलास महल तथा झील में महारानी पद्मिनी के अंगरक्षक वीर बादल का सुन्दर महल बना हुआ है। Rajasthan ki jhile notes

तलवाड़ा झील

  • यह वर्तमान में हनुमानगढ़ जिले में स्थित है।
  • तलवाड़ा झील घग्घर नदी के किनारे स्थित है।

बुड्डा जोहड़ झील

  • बुड्डा जोहड़ झील श्रीगंगानगर जिले में स्थित है।
  • इस झील में गंगनहर का पानी एकत्र होता है।

घड़सीसर झील

  • इस झील का निर्माण रावल घड़सिंह (घरसी) द्वारा करवाया गया।
  • यह झील जैसलमेर जिले में स्थित है। Rajasthan ki jhile notes
  • अन्य झीलें – पीथमपुरी झील (सीकर)/ काड़िया झील (झालावाड़)।

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