sant jasnath history | संत जसनाथ जी का इतिहास

संत जसनाथ जी का इतिहास ( sant jasnath history ) REET EXAM की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है, संत जसनाथ जी राजस्थान के सभी संतो में प्रमुख संत है, इस त्पिक में से विभिन्न परीक्षाओ में एक प्रश्न पुचा जाता है|

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sant jasnath history

sant jasnath history

नाम : जसनाथ जी
जन्म : वि.स.1539 कार्तिक शुक्ल एकादशी
पिता : हमीर जाट
माता : रूपादे

संत जसनाथ जी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

  • संत जसनाथ जी का जन्म वि सं. 1539 की कार्तिक शुक्ला एकादशी (देवोत्थान एकादशी) को बीकानेर जिले के कतरियासर ग्राम में हुआ।
  • जसनाथी सम्प्रदाय के प्रमुख संत लालदास जी है।
  • जन मान्यता है कि कतरियासर गांव के जागीरदार हमीर जाट को एक रात स्वप्न में दिखाई दिया कि गांव की उत्तरदिशा में स्थित तालाब के किनारे एक बालक बैठा है। प्रातः तालाब के तट पर सचमुच एक सुन्दर बालक को देखकर निः संतान हमीर जी अत्यन्त प्रसन्न हुए। उसे घर लाकर उन्होंने अपनी पत्नी रूपादे को सौंप दिया। यहीं बालक संत जसनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इनकी माता रूपादे थी
  • नाथ सम्प्रदाय के लोग भगवान शिव के अनन्य भक्त होते हैं।
  • इन्होंने 36 धार्मिक नियमों का निर्धारण किया।
  • नाथ सम्प्रदाय में ही इन 36 नियमों का पालन करने वाले लोग जसनाथ कहलाने लगे।
  • गोरक्ष पीठ के गोरख आश्रम में जसनाथ जी की शिक्षा-दीक्षा हुई।
  • बालक जसनाथ के गुरू गोरखनाथ थे।
  • विक्रम संवत् 1551 की आश्विनी शुक्ल सप्तमी को उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ।
  • जसनाथी गले में काले रंग का डोरा पहनते हैं।
  • इस जसनाथी सम्प्रदाय के वे अनुयायी जो सम्पूर्ण जीवन और संसार से विरक्त हो गये, वे परमहंस कहलाये।
  • जसनाथी सम्प्रदाय में भगवा वस्त्र पहनने वाले अनुयायी सिद्ध कहलाये।
  • श्री जसनाथ जी मात्र 24 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गये। इन्होंने आश्विन शुक्ल सप्तमी को समाधि ग्रहण की। जसनाथी संत जीवित समाधि लेते है।
  • ये आजन्म ब्रह्मचारी रहे तथा गोरखमालिया नामक स्थान पर 12 वर्ष तक तपस्या की।
  • जसनाथ जी के उपदेश सिंभूदड़ा एवं कोड़ा ‘ ग्रन्थ में संग्रहित है।

अग्नि नृत्य

जसनाथी सम्प्रदाय के अनुयायियों द्वारा धधकते हुये अंगारो पर किया जाने वाला नृत्य है इसमें जसनाथी अग्नि में प्रवेश करने से पहले फतै-फतै कहते हैं।

agni nrity

जसनाथी सम्प्रदाय
का अग्नि नृत्य

जसनाथ जी के 36 नियम

1. जो कोई सिद्ध धर्म धरासी
2. उत्तम करणी राखो आछी
3. राह चलो, धर्म अपना रखो
4. भूख मरो पण जीव ना भखो
5. शील स्नान सांवरी सूरत
6. जोत पाठ परमेश्वर मूरत
7. होम जाप अग्नीश्वर पूजा
8. अन्य देव मत मानो दूजा
9. ऐंठे मुख पर फूंक ना दीजो
10. निकम्मी बात काल मत कीजो
11. मुख से राम नाम गुण लीजो
12. शिव शंकर को ध्यान धरीजो
13. कन्या दाम कदै नहीं लीजो
14. ब्याज बसेवो दूर करीजो
15. गुरु की आज्ञा विश्वंत बांटो
16. काया लगे नहीं अग्नि कांटो
17. हुक्को, तमाखू पीजे नाहीं
18. लसन अर भांग दूर हटाई
19. साटियो सौदा वर्जित ताई
20. बैल बढ़ावन पावे नाहीं
21. मृगां बन में रखत कराई
22. घेटा बकरा थाट सवाई
23. दया धर्म सदा ही मन भाई
24. घर आयां सत्कार सदा ही
25. भूरी जटा सिर पर रखीजे
26. गुरु मंत्र हृदय में धरीजे
27. देही भोम समाधि लीजे
28. दूध नीर नित्य छान रखीजे
29. निंद्या, कूड़, कपट नहीं कीजे
30. चोरी जारी पर हर ना दीजे
31. राजश्वला नारी दूर करीजे
32. हाथ उसी का जल नहीं लीजे
33. काला पानी पीजे नाहीं
34. नाम उसी का लीजे नाहीं
35. दस दिन सूतक पालो भाई
36. कुल की काट करीजे नाहीं

FAQ

प्रश्न : 1. जसनाथ जी ने कितने नियम बनाये?

उत्तर : जसनाथ जी ने जसनाथी सम्प्रदाय में 36 नियम बनाये

प्रश्न : 2. जसनाथ जी के गुरु का क्या नाम था?

उत्तर : जसनाथ जी के गुरु का नाम गोरखनाथ था

प्रश्न : 3. जसनाथ जी के माता पिता का क्या नाम था?

उत्तर : जसनाथ जी के पिता का नाम हमीर जात ,माता का नाम रूपादे है

प्रश्न : 4. जसनाथ जी के उपदेश किस ग्रन्थ में संकलित है

उत्तर : जसनाथ जी के उपदेश सिंभूदड़ा एवं कोड़ा ‘ ग्रन्थ में संग्रहित है।

प्रश्न : 5. जसनाथी सम्प्रदाय के लोगो द्वारा कौन सा नृत्य करते है?

उत्तर : अग्नि नृत्य

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