जब कोई वाक्यांश अपने प्रचलित अर्थ को अभिव्यक्त न कर किसी विशेष अर्थ में रूढ़ हो जाए, तब वह मुहावरा कहलाता है|
जैसे:- ‘ नौ दो ग्यारह होना ‘ मुहावरा गणितीय संक्रिया को न बताकर ‘ भाग जाना ‘ अर्थ को घोषित करता है| Muhavare In Hindi PDF
Contents
Muhavare In Hindi PDF
- अंक भरना – स्नेहपूर्वक गले मिलना
- अंग-अंग ढीला होना – बहुत थक जाना
- अंगारे उगलना – क्रोध में कटु वचन कहना
- अंधा बनना – जानते हुए भी ध्यान न देना
- अंधे की लाठी होना – एकमात्र सहारा
- अंधेर खाता होना – सही हिसाब न होना
- अक्ल का दुश्मन होना – मूर्ख होना
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना – केवल कल्पनाएँ करना।
- आसमान सिर पर उठाना – अत्यधिक शोर करना
- आठ-आठ आँसू रोना – बुरी तरह रोना या पछताना
- आस्तीन का साँप होना – कपटी मित्र
- इतिश्री होना – अंत या समाप्त होना
- इधर-उधर की हाँकना – व्यर्थ की बातें करना
- ईट का जवाब पत्थर से देना – करारा जवाब देना
- ईट से ईंट बजाना – कड़ा मुकाबला करना
- ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखना
- इशारों पर नचाना – किसी को अपनी इच्छानुसार चलाना
- उंगली उठाना – निन्दा करना या आरोप लगाना
- उगल देना – सारा भेद प्रकट कर देना
- उंगली पर नचाना – किसी अन्य के इशारे पर चलना
Muhavare In Hindi PDF
- उड़ता तीर झेलना – अनावश्यक विपत्ति मोल लेना
- उड़ती चिड़िया पहचानना – थोड़े इशारे में ही सब कुछ समझ लेना
- उन्नीस बीस का फर्क होना – मामूली अन्तर
- उल्टी गंगा बहाना – रीति विरुद्ध कार्य करना
- उल्लू बनाना – मूर्ख बनाना
- अक्ल के पीछे लट्ठ लिए घूमना – बुद्धि विरुद्ध कार्य करना
- अगर-मगर करना – बहाने बनाना
- अड़ियल टटू होना – जिद्दी होना
- अपना उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ सिद्ध करना
- अपना सा मुँह लेकर रह जाना – किसी अकृत कार्य के कारण लज्जित हो।
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना – साथ मिलकर न रहना, अलग रहना
- अपने तक रखना – किसी दूसरे से न कहना
- अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना – अपना नुकसान स्वयं करना
- अपने मुँह मियाँ मिठू बनना – अपनी प्रशंसा स्वयं करना
- आँखें खुलना – सजग या सावधान होना
- आँखें–चार होना – आमना-सामना होना
- आँखें–चुराना- नजर बचाना
- आँच न आने देना – जरा भी कष्ट न आने देना
- आँखों में खून उतरना – अत्यधिक क्रोध करना
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना
100 मुहावरे PDF
- आँखों का तारा – अत्यन्त प्यारा
- आँखें बिछाना – प्रेमपूर्वक स्वागत करना
- आँखों पर परदा पड़ना – भले-बुरे की परख न होना
- आँच न आने देना – जरा भी कष्ट न आने देना
- आँचल पसारना – प्रार्थना करना
- आँसू पोंछना – धीरज व ढाढस बँधाना
- आँधी के आम होना – सस्ती चीजें
- आकाश के तारे तोड़ना – असंभव कार्य को अंजाम देना
- आईने में मुँह देखना – अपनी योग्यता की जाँच कर लेना
- आग बबूला होना – अत्यधिक क्रोध करना
- आग में घी डालना – क्रोध को बढ़ाने का कार्य करना
- आटे-दाल का भाव मालूम होना – जीवन के यथार्थ को जानना
- आकाश टूटना – अचानक बड़ी विपत्ति आना
- आड़े आना – बाधक बनना
- आपे से बाहर होना – वश में न रह पाना
- आग लगने पर कुआ खोदना – मुसीबत के समय उपाय खोजना
- एक आँख से देखना – समदृष्टि या समभाव होना
- एड़ी चोटी का जोर लगाना – बहुत प्रयास करना
- एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होना – समान प्रवृत्ति के होना
- एक लाठी से हाँकना – सबके साथ एक-सा व्यवहार करना
MHAVARE LIST
- ऋण उतारना – कर्ज अदा करना
- ऋण मढ़कर जाना – अपना कर्ज किसी अन्य पर डालना
- एक और एक ग्यारह होना – संगठन में शक्ति होना
- उल्टी पट्टी पढ़ाना – गलत शिक्षा देना
- उल्टी माला फेरना – अहित सोचना
- ओखली में सिर देना – जान-बूझकर विपत्ति मोल लेना
- औने-पौने करना – कम लाभ या कम कीमत में बेच देना
- कच्चा चिट्ठा खोलना – रहस्य बताना
- कमर कसना – तैयार होना
- कलेजा ठंडा होना – मन को शांति मिलना
- कागजी घोड़े दौड़ाना– केवल कागजी कार्रवाई करना
- काठ का उल्लू होना – महामूर्ख होना, वज्र मूर्ख
- कान–खड़े होना – चौकन्ना होना
- कान पकड़ना – गलती स्वीकार करना
- कान में तेल डालकर बैठना – सुनकर भी अनसुना करना
- क्रोध काफूर होना – गुस्सा गायब होना
- काल कवलित होना – मर जाना
- किताबी कीड़ा होना – हर समय पढ़ने में लगे रहना
- कूच करना – चले जाना
- कोढ़ में खाज होना – दु: ख में और दु: ख आना
MUHAVARE IN HINDI NOTES
- कमर कसना – किसी कार्य के लिए तैयार होना
- कलेजा मुँह को आना – घबरा जाना
- कान का कच्चा होना – जल्दी किसी के बहकावे में आना
- कान भरना – चुगली करना
- कोल्हू का बैल होना – निरंतर काम में जुटे रहना
- कौड़ी के मोल बेचना – अत्यन्त सस्ता होना
- कान पर जूं तक न रेंगना – कोई असर न पड़ना
- कंधे से कंधा मिलाना – साथ देना
- कन्नी काटना – आँख बचाकर निकलना
- कान कतरना – चतुराई दिखाना
- कलेजे का टुकड़ा होना – बहुत प्रिय
- कान खोलना – सावधान करना
- कुँए में भांग पड़ना – सबकी मति भ्रष्ट होना
- कीचड़ उछालना – अपमानित/ बेइज्जत करना
- कतर ब्योंत करना – काट-छाँट करना
- कफन की कौड़ी न होना – दरिद्र होना
- कब्र में पाँव लटकना – मृत्यु के निकट होना
- कमर कसना – तैयार होन
- कान भर जाना – सुनते सुनते पक जाना
- काम निकालना – अपना मतलब पूरा करना
- गड़े-मुर्दे उखाड़ना – पुरानी बातें करना
- गले मढ़ना – जबरन कार्य सौंपना
- गागर में सागर भरना – थोड़े शब्दों में बहुत कुछ कह देना
- गाजर मूली समझना – तुच्छ समझना, मामूली मानना
- गाल बजाना – बढ़-चढ़कर बातें करना
- गुड़ गोबर करना – बना कार्य बिगाड़ देना
- गिरगिट की तरह रंग बदलना – अवसरवादी होना
- गाँठ बाँधना – स्थायी रूप से याद रखना
- गाँठ पड़ना – द्वेष का स्थायी होना
- गूदड़ी का लाल होना – गरीबी में भी गुणवान होना
- गंगा नहाना – दायित्व से मुक्ति मिलना
- गाल फुलाना – गुस्सा होना
- घोड़े बेचकर सोना – निश्चंत होकर सोना
- घुटने टेकना – हार मानना
- घी के दीये जलना – खुशियाँ मनाना
- किला फतेह करना – किसी कठिन कार्य में सफलता प्राप्त करना
- खाल खींचना – बहुत मारना
- खाट पकड़ लेना – बहुत बीमार पड़ जाना
- खरी-खोटी कहना – भला-बुरा कहना
- खाक छानना – मारे-मारे फिरना निरुद्देश्य भटकना
- खेत रहना – युद्ध में मारे जाना
- खाक में मिलना – नष्ट होना
- खून खौलना –अत्यधिक क्रोध आना
- खून-पसीना एक करना – कठोर परिश्रम करना
- ख्याली पुलाव पकाना – कोरी (व्यर्थ) कल्पनाएँ करना
- खून का चूंट पीकर रह जाना – चुपचाप गुस्सा सहन कर लेना
- खरी-खरी सुनाना – साफ-साफ कहना
- खून सूखना – भयभीत होना
- खटाई में पड़ना – कार्य में व्यवधान आना
- खिचड़ी पकाना – गुप्त योजना बनाना
- गंगा नहाना – किसी कठिन कार्य को पूर्ण करना
300+ important muhavre
- घड़ों पानी पड़ना – लज्जित होना
- घर फूंककर तमाशा देखना – अपना नुकसान होने पर भी मौज करना
- घाट-घाट का पानी पीना – स्थान-स्थान का अनुभव होना
- घास काटना – बिना गुणवत्ता कार्य करना
- घाव हरा होना – भूला दुख दर्द याद आना
- घर बसाना – विवाह कराना
- चींटी के पर निकलना – मृत्यु के दिन समीप आना
- चल बसना – मृत्यु होना
- चैन की बंशी बजाना – मौज करना
- चोली दामन का साथ होना – बहुत निकटता
- चिकना घड़ा होना – कुछ भी असर न होना, बेशर्म होना
- चाँदी का जूता मारना – घूस (रिश्वत) देना
- चार चाँद लगना – शोभा में वृद्धि होना
- चादर से बाहर पैर पसारना – आय से ज्यादा खर्च करना
- चूना लगाना – नुकसान करना
- चिराग तले अंधेरा होना – अपने दोष न देख पाना
- चार दिन की चाँदनी होना – अल्पकालीन सुख
- चूड़ियाँ पहनना – कायरता दिखाना
- चारों खाने चित्त होना – बुरी तरह हारना
- चंगुल में फँसना – पकड़ में आना
- चक्की पीसना – जेल की सजा भुगतना
- चिकना देख फिसल पड़ना – किसी के रूप या धन पर लुभा जाना
- चित्त उचटना – मन न लगना
- छक्के छुड़ाना – बुरी तरह हराना
- छठी का दूध याद आना – संकट में पड़ना
- छाती पर मूंग दलना – साथ रहकर परेशान करना
- छप्पर फाड़कर देना – बिना परिश्रम बहुत देना
- छाती पर पत्थर रखना – धैर्यपूर्वक कष्ट सहन करना
- छाती पर साँप लौटना – ईर्ष्या करना
- छाँह तक न छूने देना – समीप न आने देना
- छटे-छंटे फिरना – दूर-दूर रहना
मुहावरे
- छठे छमासे आना – कभी-कभी आना
- छप्पर पर फूस न होना – अत्यन्त गरीब होना
- छाती ठोकना – कठिन कार्य हेतु प्रतिज्ञा करना
- छींकते नाक कटना – छोटी बात पर चिढ़ना
- जले पर नमक छिड़कना – दुखी व्यक्ति को और दुखी करना
- जान हथेली पर रखना – मृत्यु की परवाह न करना
- जहर का यूंट पीकर रह जाना – कड़वी बात सहन करना
- जहर उगलना – कड़वी बातें कहना
- जी तोड़कर काम करना – बहुत परिश्रम करना
- जान पर खेलना – साहसी कार्य करना
- जिन्दा मक्खी निगलना – स्पष्ट दिखता हुआ अन्याय सहन करना
- जी चुराना – कार्य से स्वयं को अलग रखना
- जहर उगलना – अपमानजनक बातें कहना
- जड़ काटना – समूल नष्ट करना
- जमीन आसमान एक करना – सभी उपाय करना
- जमीन आसमान का अंतर – बड़ा भारी अन्तर
- जान के लाले पड़ना – प्राण संकट में पड़ना
- जूतियाँ चाटना – चापलूसी करना
- जंजाल में पड़ना – संकट में पड़ना
- जलती आग में कूदना – जान-बूझकर विपत्ति में पड़ना
- जिन्दगी के दिन पूरे करना – मृत्यु के दिन समीप होना
- जिल्लत उठाना – अपमानित होना
- जी छोटा करना – हृदय के उत्साह में कमी
- जूठे हाथ से कुत्ता न मारना – अत्यधिक कंजूस होना
- झंडा गाड़ना – अधिकार करना
- टाँग अड़ाना – बाधा डालना
- टेढ़ी उँगली से घी निकालना – चतुराई से काम निकालना
- टेढ़ी खीर होना – कठिन काम
- टोपी उछालना – अपमानित करना
- टका सा जवाब देना – साफ-साफ मना करना
- टका सा मुँह लेकर रह जाना – लज्जित होना