प्रत्यय | pratyay in hindi

प्रत्यय | Pratyay In Hindi की इस post में राज की विभिन्न परीक्षाओ में आने वाले महत्वपूर्ण प्रत्यय शब्दों का समावेश किया गया है| Pratyay In Hindi

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Pratyay In Hindi

प्रत्यय की परिभाषा

जो शब्दांश किसी शब्द के बाद लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं और नए अर्थ का बोध कराते हैं उसे प्रत्यय कहते हैं
जैसे:-
मिल + आवट = मिलावट
पढ़ + आकू = पढ़ाकू

संस्कृत प्रत्यय

1. इत – हर्षित, गर्वित, लज्जित, पल्लवित
2. इक – मानसिक, धार्मिक, मार्मिक, पारिश्रमिक
3. ईय – भारतीय, मानवीय, राष्ट्रीय, स्थानीय
4. एय – आग्नेय, पाथेय, राधेय, कौंतेय
5. तम – अधिकतम, महानतम, वरिष्ठतम, श्रेष्ठतम
6. वान – धनवान, बलवान, गुणवान, दयावान
7. मान – श्रीमान्, शोभायमान, शक्तिमान, बुद्धिमान
8. त्व – गुरुत्व, लघुत्व, बंधुत्व, नेतृत्व
9. शाली – वैभवशाली, 2 गौरवशाली, प्रभावशाली, शक्तिशाली
10. तर – श्रेष्ठतर, उच्चतर, निम्नतर, लघुत्तर

हिन्दी प्रत्यय

हिंदी प्रत्यय दो प्रकार के होते है|
1. कृत प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय

कृत प्रत्यय

वे प्रत्यय जो धातु अथवा क्रिया के अन्त में लगकर नए शब्दों की रचना करते हैं | उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं। कृत प्रत्ययों से संज्ञा तथा विशेषण शब्दों की रचना होती है।

कृत् प्रत्यय के भेद

कृत प्रत्यय के पांच भेद होते है
1. कृत वाचक
2. कर्म वाचक
3. करण वाचक
4. भाव वाचक
5. क्रिया वाचक

1. कृत वाचक

कर्ता का बोध कराने वाले प्रत्यय कृत वाचक प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
हार = पालनहार, चाखनहार, राखनहार
वाला = रखवाला, लिखने वाला, घरवाला
क = रक्षक, भक्षक, पोषक, शोषक
अक = लेखक, गायक, पाठक, नायक
ता = दाता, माता, गाता, नाता

2. कर्म वाचक

कृत प्रत्यय-कर्म का बोध कराने वाले कृत प्रत्यय कर्म वाचक कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
औना =
खिलौना
नी = ओढ़नी, मथनी, छलनी
ना = पढ़ना, लिखना, रटना

3. करण वाचक कृत् प्रत्यय

साधन का बोध कराने वाले कृत् प्रत्यय करण वाचक कृत प्रत्यय कहलाते हैं
जैसे:-
अन =
पालन, सोहन, झाड़न
नी = चटनी, कतरनी, सूंघनी
ऊ = झाडू, चालू
ई = खाँसी, धाँसी, फाँसी

4. भाव वाचक कृत प्रत्यय

क्रिया के भाव का बोध कराने वाले प्रत्यय भाववाचक कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
आप = मिलाप, विलाप
आवट = सजावट, मिलावट, लिखावट
आव = बनाव, खिंचाव, तनाव
आई = लिखाई, खिंचाई, चढ़ाई

5. क्रियावाचक कृत प्रत्यय

क्रिया शब्दों का बोध कराने वाले कृत् प्रत्यय क्रिया वाचक कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
या =
आया, बोया, खाया
कर = गाकर, देखकर, सुनकर
आ = सूखा, भूखा, भूला
ता = खाता, पीता, लिखता

तद्धित प्रत्यय

क्रिया को छोड़कर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में जुड़कर नए शब्द बनाने वाले प्रत्यय तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
मानव + ता = मानवता
जादू + गर = जादूगर
बाल + पन = बालपन
लिख + आई = लिखाई

तद्धित प्रत्यय के भेद

तद्धित प्रत्यय के सात भेद होते है|
1. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
2. भाववाचक तद्धित प्रत्यय
3. सम्बन्ध वाचक तद्धित प्रत्यय
4. गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
5. स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय
6. ऊनतावाचक तद्धित प्रत्यय
7. स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय

1. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

कर्ता का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहलते हैं|
जैसे:-
आर= सुनार, लुहार, कुम्हार
गर = बाजीगर, जादूगर
ई = माली, तेली
वाला = गाड़ीवाला, टोपीवाला, इमलीवाला

2. भाववाचक तद्धित प्रत्यय

भाव का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
आहट = कडवाहट
ता = सुन्दरता, मानवता, दुर्बलता
आपा = मोटापा, बुढ़ापा, बहनापा
ई = गर्मी, सर्दी, गरीबी

3. सम्बन्ध वाचक तद्धित प्रत्यय

सम्बन्ध का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय सम्बन्ध वाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
इक = शारीरिक, सामाजिक, मानसिक
आलु = कृपालु, श्रद्धालु, ईर्ष्यालु
ईला = रंगीला, चमकीला, भड़कीला
तर = कठिनतर, समानतर, उच्चतर

4. गुणवाचक तद्धित प्रत्यय

गुण का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय गुणवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
वान = गुणवान, धनवान, बलवान
ईय = भारतीय, राष्ट्रीय, नाटकीय
आ = सूखा, रूखा, भूखा
ई = क्रोधी, रोगी, भोगी

5. स्थानवाचक तद्धिन प्रत्यय

स्थान का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
वाला = शहरवाला, गाँववाला, कस्बेवाला
इया = उदयपुरिया, जयपुरिया, मुंबइया
ई = रूसी, चीनी, राजस्थानी

6. ऊनतावाचक तद्धित प्रत्यय

लघुता का बोध कारने वाले तद्धित प्रत्यय ऊनतावाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:-
इया = लुटिया
ई = प्याली, नाली, बाली
ड़ी = चमड़ी, पकड़ी
ओला = खटोला, संपोला, मंझोला

7. स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय

स्त्रीलिंग का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं
जैसे:-
आइन = पंडिताइन, ठकुराइन
इन = मालिन, कुम्हारिन, जोगिन
नी = मोरनी, शेरनी, नन्दनी
आनी = सेठानी, पटरानी, जेठानी
Pratyay In Hindi

उर्दू के प्रत्यय

उर्दू भाषा का हिन्दी के साथ लम्बे समय तक प्रचलन में रहने के कारण हिन्दी भाषा में उर्दू भाषा के प्रत्यय भी प्रयोग में आने लगे हैं।
गी = ताजगी, बानगी, सादगी
गर = कारीगर, बाजीगर, सौदागर
ची = नकलची, तोपची, अफीमची
दार = हवलदार, जमींदार, किरायेदार
खोर = आदमखोर, चुगलखोर, रिश्वतखोर
गार = खिदमतगार, मददगार, गुनहगार
नामा = बाबरनामा, जहाँगीरनामा, सुलहनामा
बाज = धोखेबाज, नशेबाज, चालबाज
मन्द = जरूरतमन्द, अहसानमन्द, अकलमन्द
बाद = सिकन्दराबाद, ” औरंगाबाद, मौजमाबाद
इन्दा = बाशिन्दा, 2 शर्मिन्दा, परिन्दा
इश = साजिश, ख्वाहिश, फरमाइश
गाह = ख्वाबगाह, ईदगाह, दरगाह
गीर = आलमगीर, जहाँगीर,. राहगीर
आना = नजराना, दोस्ताना, सालाना
इयत = इंसानियत, खैरियत, आदमियत
ईन = शौकीन, रंगीन, नमकीन
कार = सलाहकार, लेखाकार, जानकार
दान = खानदान, पीकदान, कूड़ादान
बन्द = कमरबंद, नजरबंद, दस्तबंद

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