स्थूल पेशीय कौशल व सूक्ष्म पेशीय कौशल | क्रियात्मक गामक विकास

sathool or suksham koushal vikas : सूक्ष्म कौशल किसे कहते है? सूक्ष्म कौशल के उदहारण कौन-कौन से है? स्थूल कौशल किसे कहते है? स्थूल कौशल विकास के उदहारण कौन-कौनसे है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस पोस्ट में मिल जायेंगे |
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स्थूल पेशीय कौशल व सूक्ष्म पेशीय कौशल – क्रियात्मक/गामक विकास

Contents

क्रियात्मक/गामक विकास sathool or suksham koushal vikas

  • क्रियात्मक विकास को ही गत्यात्मक योग्यता का विकास भी माना जाता है, क्रियात्मक विकास द्वारा बालक अपनी मांसपेशियों पर नियंत्रण करना सीख जाता है तथा यह बालक के भीतर होता है।
  • क्रियात्मक विकास सामान्य से विशिष्ट की ओर होता है।
  • शिशु का क्रियात्मक विकास गर्भ अवस्था से ही प्रारंभ हो जाता है।
  • शिशु के जन्म के बाद क्रियात्मक विकास की गति तीव्र हो जाती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है बच्चों का क्रियात्मक विकास होता चला जाता है। 
  • जन्म से लेकर 5 वर्ष की अवस्था तक स्थूल क्रियात्मक कौशल ( बैठना उठना चलना चलना दौड़ना फेंकना) में तीव्रता से विकास होता है। 
  • 5 से 6 वर्ष का बालक दौड़ना गेंद फेंकना जैसे अनेक क्रियात्मक हौसलों को विकसित करता है।
  • बालक के गत्यात्मक विकास को गामक विकास/ गामक कौशल/ पेशीय कौशल/ लोकोमोटर स्किल / डायनेमिक स्किल आदि नामों से जाना जाता है।

क्रियात्मक/गामक कौशल के प्रकार sathool or suksham koushal vikas

स्थूल पेशीय कौशल/स्थूल क्रियात्मक विकास/सकल मोटर कौशल विकास

  • इसमें संपूर्ण शरीर अथवा बड़ी मांसपेशियों से सक्रिय होती है।
  • हाथ पांव धड़ घुटने आदि पर नियंत्रण व समन्वय स्थापित किया जाता है।

स्थूल पेशीय कौशल के उदहारण

  • जैसे लुढ़कना खिसकना घुटनों के बल चलना गेंद पकड़ना फेंकना सीढ़ियां चढ़ना तैरना उछलना कूदना दौड़ना बैठना साइकिल चलाना नृत्य करना आदि

सूक्ष्म पेशीय कौशल/सूक्ष्म क्रियात्मक विकास/महीन मोटर स्किल

  • इसमें छोटी मांसपेशियों सक्रिय रहती है।
  • आंख, अंगुलियों के विकास इत्यादि पर नियंत्रण में समन्वय स्थापित किया जाता है

सूक्ष्म पेशीय कौशल के उदहारण

  • जैसे खाना-पीना लिखना टाइप करना बालों को पंगा करना ब्लॉक बिल्डिंग जूते के फीते बांधना टाई की गांठ बांधना सुई में धागा पिरोना

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