Pavlov’s Experiment पावलाव का प्रयोग : इस पोस्ट में पावलाव के प्रयोग और पावलाव के प्राचीन अनुबंधन की प्रक्रिया को उदाहरन सहित विस्तार पूर्वक समझाया गया है
Contents
पावलाव का प्रयोग | Pavlov’s Experiment
पावलॉव वास्तव में एक शरीर शास्त्री था। पावलॉव ने अपने प्रयोग के आधार पर अनुक्रियाओं को दो भागों में विभाजित किया
1. स्वाभाविक अनुक्रियाएँ, जो जन्मजात होती है।
2. अस्वाभाविक अनुक्रियाएँ, जो अर्जित व मनोवैज्ञानिक होती है।
पावलॉव का प्रयोग मुख में लार आने से सम्बन्धित है इसलिए लार आने के संबंध में कुछ बातें स्पष्ट होना आवश्यक है। मुँह में भोजन रखने पर ही लार ग्रथियाँ मुँह में लार छोड़ती है तथा यह जन्मजात, जैवकीय तथा हमेशा होने वाली क्रिया है इसलिए भोजन को स्वाभाविक उद्दीपक तथा लार आने को स्वाभाविक अनुक्रिया कहा जाता है।
पावलाव का प्रयोग कुते पर | Pawlav’s Experiment on dog
पावलाव का प्रयोग :-पावलाव ने अपने प्रयोग के दौरान कुत्ते को भोजन देते समय घण्टी की आवाज करना प्रारम्भ की। अनेक बार ऐसा करने के बाद उसने केवल घण्टी की आवाज की तथा खाना (Meat Powder) नहीं दिया। ऐसा करने पर उसने पाया कि केवल घण्टी की आवाज सुनकर ही कुत्ते के मुँह में लार आ गई। 1 इससे पावलॉव ने निष्कर्ष निकाला कि कुत्ते ने घंटी की आवाज को लार के आने से अनुबंधित कर लिया है।
कुत्ते के मुँह से लार का गिरना (अनुक्रिया) स्वाभाविक उद्दीपक (भोजन) के प्रति हो रही थी। वहीं क्रिया अस्वाभाविक उद्दीपक (घण्टी) के प्रति होने लगी, इसी को हम अनुकूलित अनुबंधन का सिद्धान्त कहते हैं।
प्राचीन अनुबंधन की प्रक्रिया
1. U. C. S. (भोजन) = U. C. R. (लार)
2. C S. ( घंटी) + U.C.S. ( भोजन)) = U. C. R. (लार)
3. C. S. (घंटी) = C. R. (लार)
स्वाभाविक एवं अस्वाभाविक उद्दीपक का उदाहरण
उदाहरण :- कल्पना कीजिए कि आप खाना खाकर फ्री हुए हैं, तभी आप देखते हैं, कि बगल की मेज पर एक मिठाई परोसी गई है, जो आपको पंसद है यह आपके मुँह में अपने आप स्वाद का संकेत देती है और लार खाव आरम्भ हो जाती है, आप खाने जैसा अनुभव करते हैं। यह अनुबंधित अनुक्रिया है।
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FAQ
Ans. कुत्ते के मुँह से लार का गिरना (अनुक्रिया) स्वाभाविक उद्दीपक (भोजन) के प्रति हो रही थी। वहीं क्रिया अस्वाभाविक उद्दीपक (घण्टी) के प्रति होने लगी, इसी को हम अनुकूलित अनुबंधन का सिद्धान्त कहते हैं।
Ans. किसी उद्दीपक को देखकर की गयी क्रिया को उद्दीपन अनुक्रिया कहते है | जैसे भोजन (उद्दीपक) को देखकर लार आना आना उद्दीपन अनुक्रिया है |
Ans. अनुबंधित उद्दीपक को समझने के लिए एक उदहारण लेते है | जैसे भोजन को देखकर लार आना एक स्वभाविक अनुक्रिया है | परन्तु लार आने की क्रिया यदि केवल घंटी बजने से हो तो घंटी की अनुबंधित उद्दीपक कहेंगे |
Ans. पावलव के अनुसार भोजन एक अननुबंधित उद्दीपक (UCS) है | क्योंकि भोजन को देखकर लार आना स्वभाविक प्रक्रिया है |
Ans. सीखने का क्लासिकल सिद्धांत पावलव ने दिया है |
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