नवजात शिशु की अवस्थाएँ- मोरो, रूटिंग, बेबीन्सकी, पकड़ना, फिटल एक्टिविटीज व ब्लिंकिंग

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नवजात शिशु की अवस्थाएँ – (New Baby Born Stage)

मोरो अवस्था

जब तीव्र शोर होता है, तो बच्चा अपनी कमर को मोड़ते हुए भुजा को आगे की ओर फेंकता है और फिर अपनी भुजाओं को एक साथ लाता है जैसे कुछ पकड़ रहा हो। नवजात शिशु के आगे कोई भी वस्तु लाने पर वह हाथ-पैरों से उस वस्तु को पकड़ने की कोशिश करता है, इस क्रिया को मोरो (Moro) कहते हैं।

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रूटिंग अवस्था

नवजात शिशु के गाल को छूने पर वह अपना मुँह खोलता है तथा सिर को घुमाता है, इस क्रिया को रूटिंग
(Routing) कहते हैं।

बेबीन्सकी अवस्था

यदि बच्चे के पैर के तलवे को ठोका जाता है, तो पैर की उँगलियाँ ऊपर की ओर जाती है और फिर आगे की ओर मुड़ जाती है, इस क्रिया को बेबीन्सकी (Babinski) कहते हैं।

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पकड़ना 

बच्चे की हथेली को यदि उंगली अथवा किसी अन्य वस्तु से दबाया जाता है तो बच्चा उंगुलियों से पकड़ (Hold लेता) है

फिटल एक्टिविटीज

गर्भस्थ शिशु के हाथ पैरों में स्वतः क्रियाएँ अथवा गतियों का होना फिटल एक्टिविटीज (Fetal Activities) कहलाता है।


ब्लिंकिंग 

तेज प्रकाश होने पर बच्चा आंखें बंद करता है इसे ब्लिंकिंग कहते हैं

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