संकल्पना मानचित्र और संकल्पना मानचित्र के शैक्षिक महत्व

samkalpna manchitra : संकल्पना मानचित्र किसे कहते है? संकल्पना मानचित्र के प्रवर्तक कौन है? और इसके शैक्षिक महत्व क्या है? इसके बारे में इस टॉपिक के अंदर आपको बताया गया है।

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संकल्पना मानचित्र के प्रवर्तक कौन है? samkalpna manchitra

संकल्पना मानचित्र सर्वप्रथम जोसेफ डी. नोवेक ने 1970 में प्रस्तुत किया।

संकल्पना मानचित्र किसे कहते है?

  1. संकल्पना मानचित्रण के प्रवर्तक जोसफ डी. नोवक है। इनके अनुसंधानं दल ने कोरनेल विश्वविद्यालय में 1970 में संकल्पना मानचित्र को प्रस्तुत किया था।
  2. यह सम्प्रत्यय या विचार है, जिसमें कोई भी बालक पूर्व ज्ञान से नवीन ज्ञान की ओर बढ़ता है तथा अधिगम करता है।
  3. इसमें बालक को समस्त विषयवस्तु एकमानचित्र के रूप में पहले से ही बताने का प्रयास किया जाता है।
  4. संकल्पना.मानचित्रण में विषय-वस्तु की एक ऐसी ही रूपरेखा प्रस्तुत की जाती है, जिसके द्वारा बालक आसानी से अधिगम प्राप्त करता है।
उदाहरण -1. बालक को राजस्थान के जिलें के बारे में हनुमानगढ़ या बाँसवाडा आदि जिले बताने से पूर्व मानचित्र के माध्यम से समझाना चाहिए ताकि उसके मस्तिष्क में विषयवस्तु के बारे में संकल्पना धारण हो जाये और वह सरलता से बता सके की हनुमानगढ़ जिला उत्तर में है तथा इसके पास गंगानगर है और इसी तरह बाँसवाड़ा जिला दक्षिण में है और इसके पास प्रतापगढ़ है।
 

संकल्पना मानचित्रण का शैक्षिक महत्त्व samkalpna manchitra

  1. इससे सीखने वाला छात्र विशेष आकर्षित होता है
  2. किसी पाठ को  पढ़ाने  से पहले  उसकी  योजना निर्माण में सहायक होता  है ।
  3. यह जटिल संरचनाओं की रूपरेखा बनाने में सहायक होता  है
  4. पूर्व अवधारणा को नई अवधारणा के साथ जोड़कर समझाने में सहायक होता  है ।
  5. इस प्रकार से दिया गया अधिगम लम्बे समय-तक याद रहता है।

मानचित्र  निरूपण  हेतु अपनाये  जाने  वाले चिह्न

1. शाखायें

एक विचार पास और दूर के संबधित विचारों को मिलाने के लिए शाखाओं में विभाजित हो सकता है |

2. तीर के निशान

विभिन्न शाखाओं को जोड़ने हेतु तीर जे निशान का प्रयोग किया जाता है |

3. समूहीकरण

यदि कई शाखायें संबधित विचार है तो समस्त क्षेत्र पर चारो ओर गोला बनाकर समूहीकरण को प्रदर्शित किया जा सकता है |

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