अभिवृद्धि और विकास ( abhivriddhi or vikas pdf ) : REET 2022 की भर्ती परीक्षा के लिए राज्य सरकार ने 62000 पदों की घोषणा की है, जिस के लिए 24-25 जुलाई को exam की घोषणा सरकार द्वारा की गई है, अभिवृद्धि और विकास यह पोस्ट reet 2022 की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए अति महत्वपूर्ण है, यह पोस्ट REET, CTET, UPTET, RPSC 1st GRADE, 2nd GRADE आदि भर्ती परीक्षाओ के लिए अति महत्वपूर्ण है| reet exam की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को इस लेख का एक बार अवश्य रूप से अध्ययन कर लेना चाहिए|
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abhivriddhi or vikas pdf
विकास और अभिवृद्धि की परिभाषा
अभिवृद्धि शारीरिक अंगों में होने वाली वृद्धि होती है जबकि मनुष्य में सम्पूर्ण विशेषताओं जैसे शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, सामाजिक परिवर्तनों की श्रृंखला विकास को दर्शाती है।
अभिवृद्धि (Growth)
शब्द का प्रयोग-शरीर व उसके अंगों के भार और आकार में वृद्धि के लिए किया जाता है, इस वृद्धि को नापा व तोला भी जा सकता है।
विकास (Development)
विकास ‘ का सम्बन्ध अभिवृद्धि से होता है, जैसे हड्डियों की लम्बाई में वृद्धि होती है तथा जब ये बढ़कर या विकसित होकर मजबूत व पुष्ट हो जाती है, यह विकास है।
श्रीमति हरलॉक के अनुसार अभिवृद्धि और विकास
श्रीमति हरलॉक के अनुसार :- ” विकास में गर्भ में आने से लेकर मृत्यु तक मानव में परिवर्तन होते रहते हैं।
ये परिवर्तन मुख्यत चार प्रकार के होते हैं
(i) आकार में परिवर्तन :- यह शारीरिक एवं मानसिक दोनों रूप से प्रत्यक्ष दिखाई देते है। जैसे- अंगों की ऊँचाई, वजन व आकार में वृद्धि, शब्द भंडार, कल्पना शक्ति, चिंतन, तर्क स्मरण आदि।
(ii) अनुपात में परिवर्तन :- बालक में आयु के साथ साथ अनुपात में परिवर्तन अर्थात् बालक पहले कल्पनाशील होता है, तथा धीरे धीरे वास्तविकता की ओर बढ़ता है अर्थात् बालक के शारीरिक विकास एवं मानसिक विकास में आनुपातिक अंतर देखने को मिलता है।
(iii) पुराने चिह्नों की लुप्तता :- जैसे- दूध के दाँतों का लुप्त होना, सीने में स्थित थाइमस ग्रंथि, मस्तिष्क के पास स्थित पीनियल ग्रंथि धीरे-धीरे लुप्त हो जाती है।
(iv) नए चिह्नों का विकास :- पुराने चिह्न समाप्त होने के साथ-साथ नवीन शारीरिक एवं मानसिक चिह्नों की प्राप्ति दिखाई देती है। जैसे-स्थायी दाँत तथा दाढ़ी मूंछ का उगना आदि।
विकास तथा अभिवृद्धि में अंतर (Difference between growth and develoment)
अभिवृद्धि | विकास |
1.अभिवृद्धि एक निश्चित आयु तक चलने वाली प्रक्रिया है। | 1.विकास जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। |
2. अभिवृद्धि संकुचित अवधारणा है। | 2.विकास व्यापक अवधारणा है। |
3. अभिवृद्धि शारीरिक होती है। | 3.विकास आन्तरिक एवं बहुपक्षीय होता है। |
4. अभिवृद्धि का कोई निश्चित क्रम नहीं है। | 4.विकास का निश्चित क्रम होता है। |
5. अभिवृद्धि को मापा-तौला जा सकता है। | 5.विकास को केवल व्यवहार के आधार पर महसूस किया जाता है। |
6. अभिवृद्धि के परिवर्तन विवृद्धि सूचक है | 6. विकास के परिवर्तन विवृद्धि सूचक व ह्वास सूचक होते हैं |
7. अभिवृद्धि स्पष्ट दिखाई देती हैं। | 7.विकास स्पष्ट दिखाई नहीं देता। |
8. अभिवृद्धि विकास का ही हिस्सा होती है | 8.विकास स्वतंत्र व चहुँमुखी होता है। |
9. अभिवृद्धि स्वरूप बाह्य होता है। | 9.विकास स्वरूप आंतरिक होता है। |
10.अभिवृद्धि का कोई लक्ष्य नहीं होता है। | 10.विकास का कोई न कोई लक्ष्य होता है। |
11.अभिवृद्धि के परिवर्तन रचनात्मक होते हैं। | 11.विकास के परिवर्तन रचनात्मक व विनाशात्मक होते हैं। |
12 अभिवृद्धि व्यक्ति के संरचनात्मक पक्ष से संबंधित होता है। | 12.विकास व्यक्ति कार्यात्मक पक्ष से संबंधित होती है। |
Note :- 1. अल्पकालिक बीमारी के कारण होने वाले अस्थाई परिवर्तन विकास के अंतर्गत नहीं आते हैं।
2. विकास में तो वृद्धि होती है, लेकिन वृद्धि में विकास शामिल नहीं होता। सामान्यतः वृद्धि और विकास साथ साथ चलते हैं, लेकिन वृद्धि के बिना भी विकास संभव है।
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